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6 Jul 2024 · 1 min read

बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,

बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
उसके दिल की गलियों से गुज़र न पाया

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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