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5 Jul 2024 · 1 min read

फिर भी यह मेरी यह दुहा है

फिर भी यह मेरी दुहा है, चाहे नफरत मुझसे करो।
आबाद हमेशा तुम रहो, चाहे मुझे प्यार मत करो।।
फिर भी यह मेरी दुहा है———————।।

हमको क्या मालूम नहीं कि, तुम नहीं चाहते हमको।
मालूम है तुमको भी यह कि, कितना चाहते हैं तुमको।।
तुमको मिले हर खुशी, चाहे मुझे याद तुम मत करो।
फिर भी यह मेरी दुहा है——————-।।

मेरी इस मोहब्बत को, नहीं तुम एक समझो दिखावा।
दिल ने तुम्हें ही चाहा है, इसको नहीं तुम कहो छलावा।।
रोशन तुम्हारे ख्वाब रहें, चाहे बददुहायें तुम हाँ करो।।
फिर भी यह मेरी दुहा है———————।।

तुमको मोहब्बत हमारी जैसी, दे सकेगा क्या कोई।
तुमको इज्जत हमारी जैसी, दे सकेगा क्या कोई।।
महका रहे दामन तुम्हारा, चाहे बदनाम हमें तुम करो।
फिर भी यह मेरी दुहा है———————।।

शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ़ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)

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