Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Jul 2024 · 1 min read

लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा

लपवून गुलाब देणारा व्यक्ती आता सगळ्यांसमोर आपल्या साठी गजरा आणतो हा प्रवास म्हणजेच प्रेम.!
–kanchan

1 Like · 409 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Kanchan Alok Malu
View all

You may also like these posts

****अनगर्जियाँ****
****अनगर्जियाँ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
- निर्णय लेना -
- निर्णय लेना -
bharat gehlot
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
सिर्फ उम्र गुजर जाने को
Ragini Kumari
तुम्हारे हिस्से में आये हम बेहिसाब से है ,
तुम्हारे हिस्से में आये हम बेहिसाब से है ,
पूर्वार्थ देव
ओ चंदा मामा!
ओ चंदा मामा!
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
नहीं हम भूल पाएंगे
नहीं हम भूल पाएंगे
डिजेन्द्र कुर्रे
*वो पगली*
*वो पगली*
Acharya Shilak Ram
*मरने का हर मन में डर है (हिंदी गजल)*
*मरने का हर मन में डर है (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
❤️
❤️
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
व्याकरण पढ़े,
व्याकरण पढ़े,
Dr. Vaishali Verma
भीष्म के उत्तरायण
भीष्म के उत्तरायण
Shaily
तानाशाह का अंत
तानाशाह का अंत
Shekhar Chandra Mitra
राम- नाम माहात्म्य
राम- नाम माहात्म्य
Dr. Upasana Pandey
जिस तरह से आत्मा बिना शरीर के कोई भी कार्य सिद्ध नहीं कर सकत
जिस तरह से आत्मा बिना शरीर के कोई भी कार्य सिद्ध नहीं कर सकत
Rj Anand Prajapati
कोरोना और ध्यान
कोरोना और ध्यान
ललकार भारद्वाज
गुरु शिष्य परंपरा
गुरु शिष्य परंपरा
Karuna Bhalla
” ये आसमां बुलाती है “
” ये आसमां बुलाती है “
ज्योति
भक्तों ने दरबार लगाकर श्याम की ज्योत जलाई ।। भजन रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
भक्तों ने दरबार लगाकर श्याम की ज्योत जलाई ।। भजन रचनाकार :अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
🙅चुनावी पतझड़🙅
🙅चुनावी पतझड़🙅
*प्रणय प्रभात*
" दौर "
Dr. Kishan tandon kranti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
"रंग भले ही स्याह हो" मेरी पंक्तियों का - अपने रंग तो तुम घोलते हो जब पढ़ते हो
Atul "Krishn"
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
वैसे थका हुआ खुद है इंसान
शेखर सिंह
बदजुबानी
बदजुबानी
ओनिका सेतिया 'अनु '
आल्हा छंद
आल्हा छंद
seema sharma
तारों की बारात में
तारों की बारात में
Suryakant Dwivedi
खिंची लकीर
खिंची लकीर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
मेरी ज़िन्दगी
मेरी ज़िन्दगी
Shailendra Aseem
आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…
आज मैने तुमको कुछ इस तरह याद फरमाया…
PRATIK JANGID
बहुत गहरी थी रात
बहुत गहरी थी रात
ऐ./सी.राकेश देवडे़ बिरसावादी
Loading...