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2 Jul 2024 · 1 min read

*वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी

वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं (राधेश्यामी छंद)
________________________
वह भाग्यहीन हैं महिलाऍं, पति की चेरी कहलाती हैं
पति का गुलाम व्यक्तित्व लिए, कठपुतली जो बन जाती है
उनका जीवन उनका रहना, पति की आज्ञा से चलता है
वह हैं मशीन का कलपुर्जा, पर खेद न उनको खलता है

रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर,उत्तर प्रदेश मोबाइल 9997615451

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