Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 1 min read

जंगल बचाओ

जंगल होता है
धरती का
ज़ेवर बचाओ,
बस्तर बचाओ
पेड़ों के बिना
मिट्टी होगी
बंजर बचाओ,
बस्तर बचाओ…
(१)
हमने दिल में
तुम्हें बसाया है
अपने गले से
तुम्हें लगाया है
हमारी पीठ में
घोंपो मत
खंजर बचाओ,
बस्तर बचाओ…
(२)
हम लोग तो
आदिवासी हैं
इस देश के
मूल निवासी हैं
हमारी जान
बसी है इसके
भीतर बचाओ,
बस्तर बचाओ…
(३)
जब ये धरती
आग उगलेगी
तो जमी हुई
बर्फ़ पिघलेगी
वह कितना
खौफ़नाक होगा
मंज़र बचाओ,
बस्तर बचाओ…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#जंगल_जल_जमीन #पेड़ #वृक्ष
#आदिवासी_बचाओ #पर्यावरण
#AdiwasiLivesMatter #हक
#ग्लोबल_वार्मिंग #गर्मी #प्रदुषण
#आक्सीजन #वन्य_जीवन #चीख
#savehasdeo_savetribal

Language: Hindi
Tag: गीत
207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

Love says.
Love says.
Priya princess panwar
#सुप्रभात-
#सुप्रभात-
*प्रणय प्रभात*
"सभी को खुश करने का असफल प्रयास कर रहा हूँ ll
पूर्वार्थ
मैंने हर मंज़र देखा है
मैंने हर मंज़र देखा है
Harminder Kaur
तेरा मेरा अभी मिलना बाक़ी है
तेरा मेरा अभी मिलना बाक़ी है
शिव प्रताप लोधी
हमेशा आगे
हमेशा आगे
surenderpal vaidya
भ्रम अच्छा है
भ्रम अच्छा है
Vandna Thakur
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
इश्क का कारोबार
इश्क का कारोबार
dr rajmati Surana
बचपन
बचपन
ललकार भारद्वाज
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
कैमिकल वाले रंगों से तो,पड़े रंग में भंग।
Neelam Sharma
अब ना होली रंगीन होती है...
अब ना होली रंगीन होती है...
Keshav kishor Kumar
ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)
ई कइसन मिलन बा (बिदाई गीत)
आकाश महेशपुरी
छंद मुक्त कविता : विघटन
छंद मुक्त कविता : विघटन
Sushila joshi
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
ये बेपरवाही जंचती है मुझ पर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जन्मदिन
जन्मदिन
Sanjay ' शून्य'
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
अगर प्यार तुम हमसे करोगे
gurudeenverma198
3984.💐 *पूर्णिका* 💐
3984.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
देखभाल
देखभाल
Heera S
10/20 कम हैं क्या
10/20 कम हैं क्या
©️ दामिनी नारायण सिंह
# पिता#
# पिता#
Madhavi Srivastava
"समाज का भला हो सकता है"
Ajit Kumar "Karn"
नग़मा- लिखूँ जो भी वही नग़मा...
नग़मा- लिखूँ जो भी वही नग़मा...
आर.एस. 'प्रीतम'
" जख्म "
Dr. Kishan tandon kranti
दोहा पंचक. . . रोटी
दोहा पंचक. . . रोटी
Sushil Sarna
AE888 - Nhà cái nổi bật với Dịch Vụ Hỗ Trợ Khách Hàng Chuyên
AE888 - Nhà cái nổi bật với Dịch Vụ Hỗ Trợ Khách Hàng Chuyên
AE888
- महफूज हो तुम -
- महफूज हो तुम -
bharat gehlot
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
पंछियों का कलरव सुनाई ना देगा
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
प्रियतमा के साथ चंद पल,
प्रियतमा के साथ चंद पल,
Writer_Abhay_ Patre
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
Loading...