Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jul 2024 · 1 min read

धनुष वर्ण पिरामिड

धनुष वर्ण पिरामिड

जो
दिल
कहता
उसको ही
सही समझ
है उदार अति
सहज मधुर है
जो उर की बातों को
सुन गुनता है
अच्छा करता
रहता है
सौरभ
वह
है।

साहित्यकार डॉ0 रामबली मिश्र वाराणसी।

1 Like · 207 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

शब्दों में धार नहीं बल्कि आधार होना चाहिए, क्योंकि जिन शब्दो
शब्दों में धार नहीं बल्कि आधार होना चाहिए, क्योंकि जिन शब्दो
ललकार भारद्वाज
ज़िक्र तुम्हारा
ज़िक्र तुम्हारा
Anis Shah
“डिजिटल मित्रता” (संस्मरण)
“डिजिटल मित्रता” (संस्मरण)
DrLakshman Jha Parimal
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
मुफ्त का ज्ञान
मुफ्त का ज्ञान
Sudhir srivastava
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
Millions of people have decided not to be sensitive. They ha
Millions of people have decided not to be sensitive. They ha
पूर्वार्थ
होली
होली
Dr Archana Gupta
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
गीत- न देखूँ तो मुझे देखे
आर.एस. 'प्रीतम'
छोटी चिड़िया (गौरेया)
छोटी चिड़िया (गौरेया)
डॉ. शिव लहरी
ग़लती करना प्रकृति हमारी
ग़लती करना प्रकृति हमारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
#गांव_के_बियाह
#गांव_के_बियाह
Rituraj shivem verma
सुख की खोज़
सुख की खोज़
Sonu sugandh
अपने दर्द को तू यूं सरे-आम न कर
अपने दर्द को तू यूं सरे-आम न कर
नूरफातिमा खातून नूरी
शाम ढलते ही
शाम ढलते ही
Davina Amar Thakral
तुम हो एक आवाज़
तुम हो एक आवाज़
Atul "Krishn"
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
प्रिय मेरा विश्वास तुम्हीं हो'
श्रीकृष्ण शुक्ल
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
दो वक्त की रोटी नसीब हो जाए
VINOD CHAUHAN
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
आ कान्हा तुझे तिलक लगाऊँ भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
इस कदर भीगा हुआ हूँ
इस कदर भीगा हुआ हूँ
Dr. Rajeev Jain
कोई तो समझा दे
कोई तो समझा दे
Shekhar Chandra Mitra
शीर्षक -बच्चों का संसार पिता!
शीर्षक -बच्चों का संसार पिता!
Sushma Singh
बाबा साहब आ जा
बाबा साहब आ जा
Mahender Singh
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
किसी के प्रति बहुल प्रेम भी
Ajit Kumar "Karn"
आशीष
आशीष
उमा झा
3000.*पूर्णिका*
3000.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल (तुमने जो मिलना छोड़ दिया...)
ग़ज़ल (तुमने जो मिलना छोड़ दिया...)
डॉक्टर रागिनी
प्रकृति संरक्षण में दे साझेदारी
प्रकृति संरक्षण में दे साझेदारी
Buddha Prakash
*हम बीते युग के सिक्के (गीत)*
*हम बीते युग के सिक्के (गीत)*
Ravi Prakash
खुला खत नारियों के नाम
खुला खत नारियों के नाम
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...