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1 Jul 2024 · 1 min read

सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग

सुंदर सुंदर कह रहे, सभी यहां पर लोग
लेखन तो प्रसाद है, जैसे छप्पन भोग
पूनम यह संसार है, पूनम ही उद्गार
रखो प्रेम की वीथिका, मत समझो यह रोग।।

सूर्यकांत

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