- अपनो पर जब स्वार्थ हावी हो जाए -
ज़रा सी बात में रिश्तों की डोरी टूट कर बिखरी,
जनदृष्टि संस्थान, बदायूँ द्वारा "राष्ट्रीय उत्कृष्ट शिक्षक सम्मान-2024" से सम्मानित हुए रूपेश
मैं जब भी चाहूंगा आज़ाद हो जाऊंगा ये सच है।
*चढ़ता है अभिमान जब, करता सत्यानाश (कुंडलिया)*
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
"मथुरा, तीन लोक ते न्यारी..!"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
There will be days when you will feel not okay. You will fee
आँखें अश्क छिपाने की मुमकिन कोशिश करती है,
तूं बता ये कैसी आज़ादी है,आज़ भी
करूँ तलाश लोगों की ,किसी जंगल बिराने में !
सज्जन पुरुष दूसरों से सीखकर