Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2024 · 1 min read

*शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छं

शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया (राधेश्यामी छंद)
_________________________
शत-शत जटायु का वंदन है, जो रावण से जा टकराया
काल खड़ा सम्मुख था लेकिन, वह एक चोंच पर इतराया
बस एक चोंच के बल पर ही, पापी को उसने ललकारा
मर कर जटायु रण जीत गया, पापी जीता फिर भी हारा
———————————-
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा ,रामपुर ,उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451

162 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Ravi Prakash
View all

You may also like these posts

जिंदगी
जिंदगी
Sangeeta Beniwal
होली है !!!
होली है !!!
Shyam Vashishtha 'शाहिद'
समर्पित भाव
समर्पित भाव
ललकार भारद्वाज
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
गीत- न ज़िल्लत कर किसी की तू...
आर.एस. 'प्रीतम'
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़  हुए  लाचार ।
याद अमानत बन गयी, लफ्ज़ हुए लाचार ।
sushil sarna
/-- आप भी मुस्कुराइए --/
/-- आप भी मुस्कुराइए --/
Chunnu Lal Gupta
बहना तू सबला बन 🙏🙏
बहना तू सबला बन 🙏🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
आत्म साध्य विचार
आत्म साध्य विचार
Neeraj Mishra " नीर "
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
क्या से क्या हो गया देखते देखते।
सत्य कुमार प्रेमी
"ज्ञान"
Aarti sirsat
तस्वीर
तस्वीर
Rambali Mishra
तकलीफ ना होगी मरने मे
तकलीफ ना होगी मरने मे
Anil chobisa
"इजहार"
Dr. Kishan tandon kranti
ईश्वर शरण सिंघल मुक्तक
ईश्वर शरण सिंघल मुक्तक
Ravi Prakash
😊😊😊
😊😊😊
*प्रणय प्रभात*
3053.*पूर्णिका*
3053.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
क्या तुम मेरी जिंदगी का ख्वाब हो?
क्या तुम मेरी जिंदगी का ख्वाब हो?
Babiya khatoon
कृष्णा बनकर कान्हा आये
कृष्णा बनकर कान्हा आये
Mahesh Tiwari 'Ayan'
क्रांतिकारी, वीर, सेनानियो, कवियों का प्रांगण कहो।
क्रांतिकारी, वीर, सेनानियो, कवियों का प्रांगण कहो।
Rj Anand Prajapati
Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
Appreciate the efforts. When someone is giving their all to
पूर्वार्थ
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
आखिरी अल्फाजों में कहा था उसने बहुत मिलेंगें तेरे जैसे
शिव प्रताप लोधी
समय की धारा
समय की धारा
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
ए मौत आ, आज रात
ए मौत आ, आज रात
अश्विनी (विप्र)
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
सिर्फ़ वादे ही निभाने में गुज़र जाती है
अंसार एटवी
परिंदा
परिंदा
VINOD CHAUHAN
शरद
शरद
Tarkeshwari 'sudhi'
शब्द और दबाव / मुसाफ़िर बैठा
शब्द और दबाव / मुसाफ़िर बैठा
Dr MusafiR BaithA
विषय _ पुरूषों की जिंदगी
विषय _ पुरूषों की जिंदगी
Rekha khichi
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
मूँछ पर दोहे (मूँछ-मुच्छड़ पुराण दोहावली )
Subhash Singhai
बेटियां
बेटियां
Surinder blackpen
Loading...