Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
22 Jun 2024 · 1 min read

हादसे

ज़िंदगी में कुछ ऐसे हादसे पेश आते हैं ,

यह क्या हुआ ? कैसे हुआ ? क्यों हुआ ?
हम सोचते रह जाते हैं ,

वक्त की गर्दिश में किसी का ज़ोर
चलता नहीं ,
लाख एहतियात पर भी तक़दीर का पासा
पलटता नहीं ,

जो तय है वो होकर रहता है ,
इंसां कुदरत के हाथों कठपुतली बनकर रह जाता है,

कुछ सवाल ज़ेहन पर कौंधते रह जाते हैं ,
जिनके जवाब हम ताउम्र ना ढूँढ़ पाते हैं ।

Loading...