Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jun 2024 · 1 min read

आसमां का वजूद यूं जमीं से है,

आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
बस हमारा वजूद हमीं से है

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

1 Like · 119 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्रेम समझदार लोगो का विषय नही है
प्रेम समझदार लोगो का विषय नही है
jyoti jwala
नौकरी (२)
नौकरी (२)
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
हमारे जीवन में मधुर सम्बन्ध तभी स्थापित होंगे जब हम अपना अहं
हमारे जीवन में मधुर सम्बन्ध तभी स्थापित होंगे जब हम अपना अहं
Ravikesh Jha
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
चलो एक बार फिर से ख़ुशी के गीत गाएं
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
हिंदी दलित साहित्य में बिहार- झारखंड के कथाकारों की भूमिका// आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
यूँ न फेंको गुलाल.. रहने दो.!
पंकज परिंदा
अबकि सावनमे , चले घरक ओर
अबकि सावनमे , चले घरक ओर
श्रीहर्ष आचार्य
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
जवानी के दिन
जवानी के दिन
Sandeep Pande
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
संभव है तुम्हें मेरे जैसे अनेकों लोग मिल जायें, पर ध्यान रहे
इशरत हिदायत ख़ान
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
*भीमताल: एक जन्म-दिवस आयोजन यात्रा*
Ravi Prakash
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
श्री राम! मैं तुमको क्या कहूं...?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बाज़ीगर
बाज़ीगर
Shyam Sundar Subramanian
नहीं भूलता बंटवारे का वो दर्द ...
नहीं भूलता बंटवारे का वो दर्द ...
ओनिका सेतिया 'अनु '
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
ये भी तो ग़मशनास होते हैं
Shweta Soni
यह मेरी जन्मभूमि है(ठूँसरा)
यह मेरी जन्मभूमि है(ठूँसरा)
gurudeenverma198
इतना भी अच्छा तो नहीं
इतना भी अच्छा तो नहीं
शिव प्रताप लोधी
इश्क तू जज़्बात तू।
इश्क तू जज़्बात तू।
Rj Anand Prajapati
गिरमिटिया मजदूर
गिरमिटिया मजदूर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
"खाली हाथ"
इंजी. संजय श्रीवास्तव
..
..
*प्रणय प्रभात*
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
24/252. *छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
" दूरियों से कह दो "
Dr. Kishan tandon kranti
*आस टूट गयी और दिल बिखर गया*
*आस टूट गयी और दिल बिखर गया*
sudhir kumar
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
उतर गए निगाह से वे लोग भी पुराने
सिद्धार्थ गोरखपुरी
खुशियों की फिर से
खुशियों की फिर से
Dr fauzia Naseem shad
तुम भी नादानियां कहां तलाशते हो  नादां ?
तुम भी नादानियां कहां तलाशते हो नादां ?
ओसमणी साहू 'ओश'
“To improve your writing, read more.
“To improve your writing, read more.
पूर्वार्थ
सत्य तत्व है जीवन का खोज
सत्य तत्व है जीवन का खोज
Buddha Prakash
घर
घर
Slok maurya "umang"
Loading...