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18 Jun 2024 · 1 min read

ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी

ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
जैसे तेरी जुल्फें बिखरी हुई हो
सीने में मेरे इश्क की अगन लगी हुई सी
जैसे चांदनी की छटा फैली हुई हो
देख अपने चांद को खिड़की की ओट से
आसमां इंद्रधनुष सा खिल रहा हो

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