Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
15 Jun 2024 · 1 min read

कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,

कितनी गौर से देखा करते थे जिस चेहरे को,
उसके बाद कोई भी चेहरा फिर इतना खुबसूरत ना लगा

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

137 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

कुछ औरतें खा जाती हैं, दूसरी औरतों के अस्तित्व । उनके सपने,
कुछ औरतें खा जाती हैं, दूसरी औरतों के अस्तित्व । उनके सपने,
पूर्वार्थ
जीवन में सब कुछ समझने की कोशिश मत करें क्योंकि कभी-कभी कुछ स
जीवन में सब कुछ समझने की कोशिश मत करें क्योंकि कभी-कभी कुछ स
ललकार भारद्वाज
*इन तीन पर कायम रहो*
*इन तीन पर कायम रहो*
Dushyant Kumar
मैं नहीं तो कौन
मैं नहीं तो कौन
Rekha khichi
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
अजीज़ सारे देखते रह जाएंगे तमाशाई की तरह
_सुलेखा.
ये रहस्य, रहस्य ही रहेगा, खुलेगा भी नहीं, जिस दिन (यदि) खुल
ये रहस्य, रहस्य ही रहेगा, खुलेगा भी नहीं, जिस दिन (यदि) खुल
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में  मिलेगा
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में मिलेगा
Shweta Soni
सूना आँगन
सूना आँगन
Rambali Mishra
मिले बिना ही बिछड़ने का दर्द दे गए हो तुम
मिले बिना ही बिछड़ने का दर्द दे गए हो तुम"
शिवम "सहज"
हम कुछ कार्य करने से पहले बहुत बार कल्पना करके और समस्या उत्
हम कुछ कार्य करने से पहले बहुत बार कल्पना करके और समस्या उत्
Ravikesh Jha
गीत गुरमत का रंग 5)
गीत गुरमत का रंग 5)
Mangu singh
कोहिनूराँचल
कोहिनूराँचल
डिजेन्द्र कुर्रे
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
ये करुणा भी कितनी प्रणय है....!
singh kunwar sarvendra vikram
तुम्हारे अंदर भी कई गुण होंगे,
तुम्हारे अंदर भी कई गुण होंगे,
Ajit Kumar "Karn"
थाम कर हाथ मेरा
थाम कर हाथ मेरा
Surinder blackpen
"बुलबुला"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरा जन्मदिन आज
मेरा जन्मदिन आज
Sudhir srivastava
वो गुस्से वाली रात सुहानी
वो गुस्से वाली रात सुहानी
bhandari lokesh
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
चंडीगढ़ का रॉक गार्डेन
Satish Srijan
🙅याद रखना🙅
🙅याद रखना🙅
*प्रणय प्रभात*
उम्र घटने लगी
उम्र घटने लगी
Nitesh Shah
*लिखते थे लेकर कलम, अपनी-अपनी चाल (कुंडलिया)*
*लिखते थे लेकर कलम, अपनी-अपनी चाल (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
चाँद कहा करता है
चाँद कहा करता है
seema sharma
2958.*पूर्णिका*
2958.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इम्तिहान
इम्तिहान
Saraswati Bajpai
नई पीढ़ी में तनाव: कारण, प्रभाव और इसे कम करने के उपाय
नई पीढ़ी में तनाव: कारण, प्रभाव और इसे कम करने के उपाय
Shyam Sundar Subramanian
अप्रीतम
अप्रीतम
Dr.sima
बदनाम
बदनाम
Deepesh Dwivedi
उसके बाद
उसके बाद
हिमांशु Kulshrestha
सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर
सिमट रहीं हैं वक्त की यादें, वक्त वो भी था जब लिख देते खत पर
Lokesh Sharma
Loading...