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14 Jun 2024 · 1 min read

*तेरी याद*

मैं तुम्हें दिन में हज़ार बार नहीं
बस एक बार याद करता हूं
फिर सारा दिन बस याद करता जाता हूं

जानते है चांद तारे और वृक्ष सारे
बस जाने क्यों तू ही नहीं जानता
मैं तुझे जान से भी ज़्यादा प्यार करता हूं

जब देखता हूं तुम्हें खो जाता हूं कहीं
दिल में अजब सी अधीरता उभर आती है
भूलकर सबकुछ फिर तेरा ही ध्यान करता हूं।

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