*निंदिया कुछ ऐसी तू घुट्टी पिला जा*-लोरी
Together we can be whatever we wish
वज़्न - 2122 1212 22/112 अर्कान - फ़ाइलातुन मुफ़ाइलुन फ़ैलुन/फ़इलुन बह्र - बहर-ए-ख़फ़ीफ़ मख़बून महज़ूफ मक़तूअ काफ़िया: ओं स्वर रदीफ़ - में
आज बच्चों के हथेली पर किलकते फोन हैं।
सफ़र में आशियाना चाहता है
मेरे हाथ की लकीरों में मोहब्बत लिख दे
रात बदरिया घिर-घिर आए....
जून का महीना जो बीतने वाला है,
इंतजार करते रहे हम उनके एक दीदार के लिए ।
सम्बन्धों की भीड़ में, अर्थ बना पहचान ।
धार्मिक तथ्य और यथार्थ जीवन तथ्यों के बीच विरोधाभास
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
क्या हो, अगर कोई साथी न हो?
बेटी
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)