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2 Jun 2024 · 1 min read

दुवाओं का असर इतना...

दुवाओं का असर इतना कि पत्थर भी गला देती।
किसी तालाब को विस्तार दे सागर बना देती।।

ग़रीबों को सहारा दो डुबाओ मत किनारा दो।
अगर इंसान हो छीनो नहीं सबको निवाला दो।
सही नीयत सभी सपने इनायत कर सजा देती।
किसी तालाब को विस्तार दे सागर बना देती।।

सजाए और का जीवन वही उस्ताद होता है।
किसी को शाद करता दिल वही आबाद होता है।
भलाई आपको जीवन सुघड़ पावन महा देती।
किसी तालाब को विस्तार दे सागर बना देती।।

करो सेवा असर देखो कदर हो तो चुनो इसको।
खिलेगी फूल जैसी ज़िंदगी दिल से बुनो इसको।
मुहब्बत रूह से सच में रुहानी हर अदा देती।
किसी तालाब को विस्तार दे सागर बना देती।।

आर.एस. ‘प्रीतम’

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