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2 Jun 2024 · 1 min read

पता ना था के दीवान पे दर्ज़ - जज़बातों  के नाम भी होते हैं 

पलट कर जब पूछा
जो उन्होंने क्या लिखते हो ?
मुक्तक या छंद
कविता या गज़ल

हैरान रह गए हम
ऐसे पेंचो-ख़म और
सितमज़रीफ़ी से सवाल पर
पता ना था के दीवान पे दर्ज़
जज़बातों के नाम भी होते हैं

अतुल “कृष्ण”
—–
पेंचो-ख़म=टेढ़ापन
सितमज़रीफ़ी=मजाक

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