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31 May 2024 · 1 min read

कलम

आज कलम को तीर बना दूँ,

अपने मन की पीर बना दूँ ।

पत्थर पर जो अमिट रहेगी,

ऐसी एक लकीर बना दूँ।।

– नवीन जोशी ‘नवल’

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