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31 May 2024 · 1 min read

सरस्वती वंदना

नमस्तुभ्यं वीणावादिनी, पुस्तकधारिणी,
मां तू धवलवर्णा, तू सर्वसौभाग्यप्रदायिनी।

पद्मासिनी तू देवी, सद्गुण वैभव शालिनी,
तू चंद्रवदनी, तू अज्ञान तिमिर नाशिनी।

देवो सदा वन्दिता, देवी तू शुभकारिणी,
मां त्वां अभयदायिनी, बुद्धि यशप्रदायिनी।

हितकारिणी, सुखकारिणी, तू जग निस्तारणी।
वन्दिताघ्रयुगे देवी, भगवती तू मंगलकारिणी।

वरदे मां विद्या ज्ञान प्रदायिनी, वन्दे तां परमेश्वरी,
जय मां कामरूपिणी, जय जय जय विद्यादायिनी।।
-©®Shikha

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