Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
30 May 2024 · 1 min read

बेटी

हर दर्द को सहती है
खुश फिर भी वो रहती है
बेटी क्या है लड़की क्या है
खुद को खुद से कहती है |
बेटी जन्मती एक घर में
पनपती एक घर में
प्रश्नचिन्ह सी …कभी स्वप्न सी
कभी राह सी.. गुमराह सी
लहर पवन सी बहती है
बेटी क्या लड़की क्या है
खुद को खुद से कहती है |
खेलती इस आंगन में
ममता के दामन में
सीख वो सबक की
बात वो जनक की
सोचती और समझती है
बेटी क्या है लड़की क्या है
खुद को खुद से कहती है |
समय की रफ्तार में
लाड़ और प्यार में
अपनो के संसार में जीत और हार में
पलती पनपती बेटी… वो बेटी
किसी और की हो जाती है
बेटी क्या है लड़की क्या है
खुद को खुद से कहती है |
संसार वो नया सा
कहा अनकहा सा
जानें अंजाने लोग
माने अनमाने लोग
उस माहौल में ढल जाती है
बेटी क्या है लड़की क्या है
खुद को खुद से कहती है |
कितने रिश्ते कितने नाते
आते जाते चलते जाते
बेटी खुद थी ममता पाती
पतिव्रता वो बहू भी बनती
फिर मां वो कहलाती है
बेटी क्या है लड़की क्या है
खुद को खुद से कहती है |

1 Like · 126 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Sumangal Singh Sikarwar
View all

You may also like these posts

summer as festival*
summer as festival*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
प्रेम में राग हो तो
प्रेम में राग हो तो
हिमांशु Kulshrestha
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
ले चल पार
ले चल पार
Sarla Mehta
अनसुलझे किस्से
अनसुलझे किस्से
Mahender Singh
ज़िन्दगी को वैसे तो यहाँ
ज़िन्दगी को वैसे तो यहाँ
Dr fauzia Naseem shad
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
रमेशराज के चर्चित राष्ट्रीय बालगीत
कवि रमेशराज
शिव स्तुति
शिव स्तुति
मनोज कर्ण
भक्ति गीत
भक्ति गीत
Arghyadeep Chakraborty
क्या होता है रोना ?
क्या होता है रोना ?
पूर्वार्थ
खरीदे हुए सम्मान शो-केस में सजाने वाले मूर्धन्य विद्वानों को
खरीदे हुए सम्मान शो-केस में सजाने वाले मूर्धन्य विद्वानों को
*प्रणय प्रभात*
कृषक की उपज
कृषक की उपज
Praveen Sain
सत्य कहां
सत्य कहां
Karuna Goswami
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2836. *पूर्णिका*
2836. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
ग़ज़ल (गुलों से ले आना महक तुम चुरा कर
डॉक्टर रागिनी
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
करोगे रूह से जो काम दिल रुस्तम बना दोगे
आर.एस. 'प्रीतम'
बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान
बढ़ती उम्र के साथ मानसिक विकास (बदलाव) समस्या और समाधान
Bhupendra Rawat
हम और आप ऐसे यहां मिल रहें हैं,
हम और आप ऐसे यहां मिल रहें हैं,
Jyoti Roshni
साकार आकार
साकार आकार
Dr. Rajeev Jain
बात सीधी थी
बात सीधी थी
Dheerja Sharma
दोस्त
दोस्त
Poonam Sharma
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
आप समझिये साहिब कागज और कलम की ताकत हर दुनिया की ताकत से बड़ी
शेखर सिंह
Wish
Wish
Iamalpu9492
5. *संवेदनाएं*
5. *संवेदनाएं*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
चीजें खुद से नहीं होती, उन्हें करना पड़ता है,
Sunil Maheshwari
कुदरत
कुदरत
Rajesh Kumar Kaurav
Inspiring Poem
Inspiring Poem
Saraswati Bajpai
ज़िंदगी का जंग
ज़िंदगी का जंग
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
अब ना देखो फिर से मिलके
अब ना देखो फिर से मिलके
Karishma Chaurasia
Loading...