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29 May 2024 · 1 min read

मुक्तक

मुक्तक

तू चाहे तो आसमां को , जमीं पर उतार दे
तू चाहे तो अपनी कोशिशों को , बेहतर आकार दे |
तू चाहे तो अपनी किस्मत , अपने हाथों से लिख दे
तू चाहे तो अपने सपनों को , खुद ही संवार दे ||

अनिल कुमार गुप्ता “अंजुम”

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