Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

चुनावी खेल

जात पात का खेल है, चुनाव की यह चाल,
टूटती है इंसानियत, बाँटती है हर हाल।

नेताओं का भाषण, जुमले और रस्में,
कहते हैं हमें, बस वोट दो तुम हँसते।

जात का नाम लेकर, दिलों में लगाते छाला,
विकास की बात कहां, है बस नफरत का ज्वाला।

इंसान इंसान से, बनता है पराया,
जाति का चश्मा पहन, देखता सब साया।

हमें चाहिए समता, नहीं कोई दीवार,
इंसानियत के पुल बनें, दिलों का विस्तार।

जात पात को छोड़कर, बढ़ें हम आगे साथ,
चुनाव की इस बुराई को, करें हम सबका स्वार्थ।

चलो मिलकर गाएँ, नई सुबह की बात,
जहाँ न हो जाति की रेखा, हो बस प्रेम की रात।

सपनों का वह भारत, सबका हो जहाँ अधिकार,
जात पात की बुराई मिटे, यही हो हमारा संकल्प हर बार।

Language: Hindi
111 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

4211💐 *पूर्णिका* 💐
4211💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गीत मेरे जब ख्वाबों में
गीत मेरे जब ख्वाबों में
इंजी. संजय श्रीवास्तव
समुन्दर को हुआ गुरुर,
समुन्दर को हुआ गुरुर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
हम बस भावना और विचार तक ही सीमित न रह जाए इस बात पर ध्यान दे
Ravikesh Jha
बॉटल
बॉटल
GOVIND UIKEY
सत्य सनातन का महापर्व : महाकुंभ
सत्य सनातन का महापर्व : महाकुंभ
रुपेश कुमार
सौंदर्य छटा🙏
सौंदर्य छटा🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
कुछ तो नहीं था
कुछ तो नहीं था
Kaviraag
When your intentions are pure , you will get help from unive
When your intentions are pure , you will get help from unive
पूर्वार्थ देव
वनिता
वनिता
Satish Srijan
बुरा समय
बुरा समय
Dr fauzia Naseem shad
जीवन सरल नही
जीवन सरल नही
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
संवेदना क्या है?
संवेदना क्या है?
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
बेटी
बेटी
Jyoti Roshni
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
गर तू गैरों का मुंह ताकेगा।
Kumar Kalhans
शाळेचा कट्टा (२०१०-१५)
शाळेचा कट्टा (२०१०-१५)
Shinde Poonam
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
फ़िलहाल देश को सबसे बड़ी ज़रुरत समर्थ और सशक्त विपक्ष की।
*प्रणय प्रभात*
महादेव को जानना होगा
महादेव को जानना होगा
Anil chobisa
संवेदना
संवेदना
Neeraj Kumar Agarwal
शालीनता की गणित
शालीनता की गणित
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
कल को छोड़कर
कल को छोड़कर
Meera Thakur
“अंग्रेज़ बहुत चालाक हैं। भरी बरसात में स्वतंत्र करके चले गए
“अंग्रेज़ बहुत चालाक हैं। भरी बरसात में स्वतंत्र करके चले गए
ब्रजनंदन कुमार 'विमल'
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
बनें जुगनू अँधेरों में सफ़र आसान हो जाए
आर.एस. 'प्रीतम'
I was happy
I was happy
VINOD CHAUHAN
दहकता सूरज
दहकता सूरज
Shweta Soni
उलझन
उलझन
manorath maharaj
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
डॉ अरुण कुमार शास्त्री - एक अबोध बालक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
याद कितनी खूबसूरत होती हैं ना,ना लड़ती हैं ना झगड़ती हैं,
शेखर सिंह
नए साल की नई सुबह पर,
नए साल की नई सुबह पर,
Anamika Singh
ദുരന്തം.
ദുരന്തം.
Heera S
Loading...