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28 May 2024 · 1 min read

मृत्यु

मृत्यु नहीं है अंत भला,
ये तो आरम्भ निराला है।
एक अध्याय जो खत्म हुआ,
अब दूसरा खुलने वाला है।
मृत्यु नहीं है अंत भला,
ये तो आरम्भ निराला है।

दुःख के बंधन टूटेंगे सब,
ये शरीर जब छूटेगा।
कुछ भी सदा ना रहने वाला,
भ्रम ये तेरा तब टूटेगा।

रिश्ते नाते धन और शोहरत,
सब तूने यंही से पाया है।
क्या लेकर यंहा से जायेगा,
जब खाली हाँथ ही आया है।

जर्जर वस्त्र सरीखा ये तन,
छोड़ आत्मा जब जाती है।
तब कंही फिर से देखो,
एक नयी जिंदगी आती है।

Language: Hindi
120 Views
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