Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

रक्तदान ही महादान

“रक्तदान ही महादान”
खून का प्यासा रहे न कोई सबको ही गम खाना है।
रक्तदान ही महादान है सबको ही ये समझाना है।

अब रक्तदान से खून का रिश्ता खुद ही बन जाना है।
रिश्तों से रिसते प्यार के लिए ना खून जलाना है।

भोजन और ऑक्सीजन का परिवहन रक्त से होता।
बिना रक्त के हर प्राणी पल भर में ही जीवन खोता।

वैज्ञानिक लैंडस्टीनर ने थी रक्तसमूह की खोज करी।
रोज़ सड़क दुर्घटनाओं में आने वाली बिपत्ति हरी।

रक्त तरल संयोजी ऊतक प्लाज्मा अरु रुधिराणु ।
तीन प्रकार के रुधिराणु लाल, श्वेत ,रक्त बिम्बाणु।

अपना खून वही जो सुख-दुख में संग हंसता रोता।
खून पसीना एक करे जब भूमिपुत्र बीजों को बोता।

कोई किसी का खून पीता तो मेरा खून खौल जाता।
पर कहीं खून ना हो जाए सो घूंट खून का पी जाता।

अपनों को दुखित देख करके सबका खून सूखता है।
खून सफेद ना होने पाए ! सो अपना खून जूझता है।

“ओ” रक्त समूह सर्वदाता है तो “ए बी” सर्वग्राही है।
धमनी ,हृदय ,शिरा, पेशी में रक्त की आवाजाही है।

रक्त समूह के चार प्रकार ‘ए’, ‘बी’, ‘ए बी’ और ‘ओ’।
कुल मिलाकर आठ हुए हर एक प्रकार के होते दो

Language: Hindi
1 Like · 168 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

लोगो खामोश रहो
लोगो खामोश रहो
Surinder blackpen
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
खुशी तो आज भी गांव के पुराने घरों में ही मिलती है 🏡
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
एक सितारा
एक सितारा
रश्मि मृदुलिका
पत्थर भी तेरे दिल से अच्छा है
पत्थर भी तेरे दिल से अच्छा है
Harinarayan Tanha
अपने आप से एक ही बात कहनी है
अपने आप से एक ही बात कहनी है
Rekha khichi
मानव जीवन केवल एक पल है, और यह बेकार है यदि इसे सही तरीके से
मानव जीवन केवल एक पल है, और यह बेकार है यदि इसे सही तरीके से
पूर्वार्थ
मशविरा
मशविरा
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
राष्ट्र धर्म
राष्ट्र धर्म
Dr.Pratibha Prakash
गाड़ी मेरे सत्य की
गाड़ी मेरे सत्य की
RAMESH SHARMA
अनोखा देश है मेरा ,    अनोखी रीत है इसकी।
अनोखा देश है मेरा , अनोखी रीत है इसकी।
डॉ.सीमा अग्रवाल
बतायें कौन-सा रस है ?
बतायें कौन-सा रस है ?
Laxmi Narayan Gupta
जीवन  में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
जीवन में फल रोज़-रोज़ थोड़े ही मिलता है,
Ajit Kumar "Karn"
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
रिसाइकल्ड रिश्ता - नया लेबल
Atul "Krishn"
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
महाश्रृंङ्गार_छंद_विधान _सउदाहरण
Subhash Singhai
गाय पर कविता
गाय पर कविता
Vijay kumar Pandey
बात
बात
Shriyansh Gupta
*शिशुपाल नहीं बच पाता है, मारा निश्चित रह जाता है (राधेश्याम
*शिशुपाल नहीं बच पाता है, मारा निश्चित रह जाता है (राधेश्याम
Ravi Prakash
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
उम्मीद की आँखों से अगर देख रहे हो,
Shweta Soni
सुनहरा सफ़र
सुनहरा सफ़र
Anuj Rana
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
जब सहने की लत लग जाए,
जब सहने की लत लग जाए,
शेखर सिंह
" फर्क "
Dr. Kishan tandon kranti
बुद्ध में कुछ बात तो है!
बुद्ध में कुछ बात तो है!
Shekhar Chandra Mitra
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
तूफ़ान कश्तियों को , डुबोता नहीं कभी ,
Neelofar Khan
संबंध
संबंध
Shashi Mahajan
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
کوئی تنقید کر نہیں پاتے ۔
Dr fauzia Naseem shad
क्षमा अपनापन करुणा।।
क्षमा अपनापन करुणा।।
Kaushal Kishor Bhatt
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
सो कॉल्ड अन्तराष्ट्रीय कवि !
पाण्डेय चिदानन्द "चिद्रूप"
वो साँसों की गर्मियाँ,
वो साँसों की गर्मियाँ,
sushil sarna
मुस्कराना
मुस्कराना
Neeraj Kumar Agarwal
Loading...