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27 May 2024 · 1 min read

खरी खरी विज्ञान भरी

3-**खरी खरी विज्ञान भरी**
कहता हूं मैं खरी खरी पर लिखता हूं विज्ञान भरी।
अब पर्यावरण प्रदूषण द्वारा मानव ने है अती धरी।
धरती हमको सब कुछ देती हम कितना दे पाते हैं ?
मानव मानव में नहीं अपितु सब जीवों में ही नाते हैं।
धरती सूरज चांद सितारे नदी पवन सागर मतवारे l
कोई भेद छुपा न बाकी फिर मानवता क्यों डरी डरी ?
है स्वभावतः मानव में सब कुछ आकर्षक चाह भरी
‘यूज एंड थ्रो’ नीति समर्थन ने मानव की बुद्धि हरी
औद्योगिकता और कृत्रिमता दोनों मानव के गले पड़ी,
” 4 R” सब कोई जानें ! पर लालच बाधा बहुत बड़ी।
अतिशय वायु प्रदूषण से ही मौसम बदले घरी घरी,
हवा में ऑक्सीजन घटती तो सांस स्वयं थम जाती है
अरु प्राणवायु की अनुपलब्धता यम की पाती लाती है।
भोजन, पानी, आवास ,हवा की धरती ने ही नीव धरी,
तेजधूप, अतिबर्षा ,आंधी,सूखा,बाढ़ विपत्ति की गठरी।
लेड,जिंक,कैडमियम,मर्करी,कॉपर और क्रोमियम तत्त्व
खांसी,कफ,सिरदर्द,साइनस,आलस बढ़े,घटे अपनत्त्व !
प्रत्यास्थता व प्लास्टिकता दोनों में वस्तु परक जड़ता,
जिसकी इम्यूनिटी अच्छी हो रोगों से भी वही लड़ता।
विपत्तियां दीखती ऊपर हैं पर जड़ें बहुत गहरी गहरी,
रोवै अति व्यथित अन्नदाता ! काहे माटी से प्रीत करी।
हाँ कहता हूं मैं खरी खरी पर लिखता हूँ विज्ञान भरी l

Language: Hindi
1 Like · 127 Views
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