Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

राज़ बता कर जाते

) जाते जाते कोई तस्कीन दिला कर जाते
दिल के वीरान से गुलशन को खिला कर जाते

2)गुनगुनाए थे जो चाहत में मिरे साथ कभी
गीत फिर से वही इक बार सुना कर जाते

3)वास्ता तुमने अदावत न हिमायत से रखा
पर जो इक रस्म थी वो रस्म निभा कर जाते

4) हम भी आहट पे नज़र रख के न जागा करते
अपनी मजबूरी अगर हमको सुना कर जाते

5)क़ैद अफ़साने हैं ख़ामोश नज़र में तेरी
मंतशा राज़ छुपाया वो बता कर जाते

🌹मोनिका अरोड़ा ‘माना’🌹

4 Likes · 2 Comments · 208 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Monika Arora
View all

You may also like these posts

"अपने की पहचान "
Yogendra Chaturwedi
किस्सा है
किस्सा है
Vivek Pandey
Fragrance of memories
Fragrance of memories
Bidyadhar Mantry
सहानुभूति
सहानुभूति
Rambali Mishra
वादा कर लो.....
वादा कर लो.....
sushil sarna
क्या लिखू
क्या लिखू
Ranjeet kumar patre
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
यूं इश्क़ में इतनी रवादारी भी ठीक नहीं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
कविता की आलोचना में कविता
कविता की आलोचना में कविता
Dr MusafiR BaithA
प्लास्टिक की गुड़िया!
प्लास्टिक की गुड़िया!
कविता झा ‘गीत’
2987.*पूर्णिका*
2987.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
विश्व जल दिवस
विश्व जल दिवस
Dr. Kishan tandon kranti
पेड़-पौधे महके सारे।
पेड़-पौधे महके सारे।
डॉ सुरेश जांगिड़
अच्छे कर्म का फल
अच्छे कर्म का फल
Surinder blackpen
*आज का विचार*
*आज का विचार*
*प्रणय प्रभात*
जीवन क्या है ?
जीवन क्या है ?
Ram Krishan Rastogi
बदलियां
बदलियां
surenderpal vaidya
मिथिला क' चार्वाक दर्शन
मिथिला क' चार्वाक दर्शन
मनोज कर्ण
The Deep Ocean
The Deep Ocean
Buddha Prakash
समुंदर में उठती और गिरती लहरें
समुंदर में उठती और गिरती लहरें
Chitra Bisht
अरे धर्म पर हंसने वालों
अरे धर्म पर हंसने वालों
Anamika Tiwari 'annpurna '
तुमसे प्रेम करके, मैने बहुत कुछ सीख लिया, मुझे अब सब्र करना
तुमसे प्रेम करके, मैने बहुत कुछ सीख लिया, मुझे अब सब्र करना
पूर्वार्थ देव
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
*भारत माता की महिमा को, जी-भर गाते मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
7. In Memoriam ( An Elegy )
7. In Memoriam ( An Elegy )
Ahtesham Ahmad
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
सच्चे लोग सागर से गहरे व शांत होते हैं!
Ajit Kumar "Karn"
हँसी में उड़ा दिए हमने कई ग़म के दिन।
हँसी में उड़ा दिए हमने कई ग़म के दिन।
Madhu Gupta "अपराजिता"
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं
कोई ख़तरा, कोई शान नहीं"
पूर्वार्थ
तेरे होने से ही तो घर, घर है
तेरे होने से ही तो घर, घर है
Dr Archana Gupta
Read in English
Read in English
Rituraj shivem verma
तुम्हें,
तुम्हें,
हिमांशु Kulshrestha
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
Loading...