Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
27 May 2024 · 1 min read

ग़ज़ल- वहीं इक शख़्स दुनिया में

वही इक शख़्स दुनिया में ख़ुदाया था मेरा सबकुछ
वही जिसके लिए मैंने लुटाया था मेरा सबकुछ

भले ही वो नहीं था कोई बाज़ी फिर भी तो मैंने
उसे अपना बनाने में लगाया था मेरा सबकुछ

जब उसकी राह में बढ़ने लगी तादाद काटों की
तले पा उसके मैंने भी बिछाया था मेरा सबकुछ

धरूंगा मैं कभी इल्ज़ाम उसकी चोर आंखों पर
जिन्होंने इक नज़र में ही चुराया था मेरा सबकुछ

मुझे ता-ज़िंदगी ना-क़ाबिल-ए-बर्दाश्त ग़म मिलते
मगर सैलाब से उसने बचाया था मेरा सबकुछ

जॉनी अहमद ‘क़ैस’

Language: Hindi
189 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

भाभी जी आ जायेगा
भाभी जी आ जायेगा
Ashwani Kumar Jaiswal
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
जिसे भुलाया था वर्षों पहले, वो ख्वाबों में फिर से आ रही है।
सत्य कुमार प्रेमी
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
किसी के साथ सोना और किसी का होना दोनों में ज़मीन आसमान का फर
Rj Anand Prajapati
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
కృష్ణా కృష్ణా నీవే సర్వము
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
जनक देश है महान
जनक देश है महान
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
यह कैसी विडंबना है, जहाँ सत्य का अभाव है, ताड़का की प्रवृत्त
यह कैसी विडंबना है, जहाँ सत्य का अभाव है, ताड़का की प्रवृत्त
पूर्वार्थ
जीवन की राहें पथरीली..
जीवन की राहें पथरीली..
Priya Maithil
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
एक मोम-सी लड़की रहती थी मेरे भीतर कभी,
ओसमणी साहू 'ओश'
*रंगीला रे रंगीला (Song)*
*रंगीला रे रंगीला (Song)*
Dushyant Kumar
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
मुझे जगा रही हैं मेरी कविताएं
Mohan Pandey
स्वाति मुक्ता
स्वाति मुक्ता
Dr. Ravindra Kumar Sonwane "Rajkan"
"संक्रमण काल"
Khajan Singh Nain
बाढ़ की आपदा
बाढ़ की आपदा
अवध किशोर 'अवधू'
इतनी बिखर जाती है,
इतनी बिखर जाती है,
शेखर सिंह
मित्रता की परख
मित्रता की परख
ठाकुर प्रतापसिंह "राणाजी "
दो शे'र ( चाँद )
दो शे'र ( चाँद )
डॉक्टर वासिफ़ काज़ी
मायूसियों से भरे चेहरे...!!!!
मायूसियों से भरे चेहरे...!!!!
Jyoti Khari
चांद सा खुबसूरत है वो
चांद सा खुबसूरत है वो
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का तीसरा वर्ष (1961 - 62 )*
*सहकारी-युग हिंदी साप्ताहिक का तीसरा वर्ष (1961 - 62 )*
Ravi Prakash
गंगा स्नान
गंगा स्नान
Dr.Priya Soni Khare
कुछ हृदय ने गहे
कुछ हृदय ने गहे
Dr Archana Gupta
*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
4034.💐 *पूर्णिका* 💐
4034.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मठाधीशों के
मठाधीशों के
*प्रणय प्रभात*
बनवा लो लाइसेंस
बनवा लो लाइसेंस
ललकार भारद्वाज
परिवार
परिवार
डॉ० रोहित कौशिक
एक एहसास
एक एहसास
Dr. Rajeev Jain
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
आज तो मेरी हँसी ही नही रूकी
MEENU SHARMA
संत गुरु नानक देव जी
संत गुरु नानक देव जी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
मां को शब्दों में बयां करना कहां तक हो पाएगा,
Preksha mehta
Loading...