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27 May 2024 · 1 min read

जरूरी तो नहीं – हरवंश हृदय

जरूरी तो नहीं
*************

इश्क हो फिर जुदाई हो जरूरी तो नहीं
हमने भी चोट खाई हो जरूरी तो नहीं

उनकी खुशी के खातिर हम दूर हो गए
रिश्ते में बेवफाई हो जरूरी तो नहीं

ठिठुर कर गुजारते हैं रात बहुत लोग
सबके हिस्से रजाई हो जरूरी तो नहीं

शायद वो अंधेरे में दिया जला रहा हो
आग उसने ही लगाई हो जरूरी तो नहीं

ये हुनर, ये अदा, कमाल की कारीगरी
किसी ने उसे सिखाई हो जरूरी तो नहीं

बेशकीमती चीजें बेमोल भी बिक जाती हैं
हर तरफ महंगाई हो जरूरी तो नहीं

हम उसकी यादों का बाजार सजाए बैठे हैं
उसने भी हाट सजाई हो जरूरी तो नहीं

दरअसल चुनाव हैं, ऐसे में कोई खबर
अखबार में आई हो जरूरी तो नहीं

✍️….. हरवंश हृदय
बांदा

1 Like · 229 Views
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