Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 May 2024 · 1 min read

शब्दों का झंझावत🙏

शब्दों का झंझावात
🔵🔵🔵🔵🔵🔵
शब्दों का है खेल जगत में
इससे बड़ा ना कोई जग में

कवि की वाणी शब्द समूह
तोड़ तंगड़ जोड़ जुगाड़ मेल

भाव भावना व्यापक शब्द
उगलता आग बरसता पानी

शब्दों का अथाह सागार है
वाणी से निकला शब्दअमर

तरकश निकला तीर कमान
पुनः आपस ना कभी आता

पर प्यार वेदना छोड़ जाता
झंझट झंझा झगड़ा तगड़ा

काया माया भक्ति शक्ति शब्द
ढ़ीला ढ़ाला ढ़क्कन ढ़क्का

धक्का मुक्की ढ़ेलम ढेला
ढ़ाल तलबार युद्ध बिकराल

ठंडा गरम लचक लचीला
मिल जुल प्यार अपनापन

रंग रूप भेष भाषा हैअनेक
धर्म कर्म आस्था मज़हब है

विविध पर तन तरंगित लाल
लहु एक शब्द भाव अलगाव

शब्द रिपु बन उठता कृपाण
बंदन राखी प्रेमी का माला

मिल गले कहता ईदमुबारक
शब्दों की शक्ति ऊर्जा अक्षम

काली काल क्षण विषय विषम
निज अलगाव एहशास पराये

दूजे में अपनापन शब्द निराले
अंदाज अलग मस्तिष्क तन

तनाव प्रबंधन मुद्दा गरम नरम
शब्द झंझावातों में आग पानी

पानीपत रामायण महाभारत
अनेकों इतिहास बनी कहानी

चयनित शब्द वाणी व्यवहार
अमन चैन बन दूर करें बैचैनी

कह कविवर जग छोड़ गए
ऐसी वाणी बोलिए मन का

आपा खोए औरन को शीतल
करे आपहुँ शीतल होय ।

शब्द एक अर्थ अनेकों इनके
मोल जोल समझ व्यवहारिक

रूप श्रृंगारित साज सजाना है
प्यार मुहब्बत में जग जीना है

🔵🔵🔵🔵🔵🔵🔵🙏

तारकेशवर प्रसाद तरुण

Language: Hindi
213 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
View all

You may also like these posts

*मनः संवाद----*
*मनः संवाद----*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मजबूरी
मजबूरी
P S Dhami
जीवन का सत्य
जीवन का सत्य
Ruchi Sharma
दिल की बातें दिल ही जाने
दिल की बातें दिल ही जाने
Shubham Anand Manmeet
अपराध बोध
अपराध बोध
ललकार भारद्वाज
जंगल में क्रिकेट(बाल कविता)
जंगल में क्रिकेट(बाल कविता)
Ravi Prakash
यदि कोई आपको हमेशा डांटता है,तो इसका स्पष्ट रूप से अर्थ यही
यदि कोई आपको हमेशा डांटता है,तो इसका स्पष्ट रूप से अर्थ यही
Rj Anand Prajapati
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
राहें खुद हमसे सवाल करती हैं,
Sunil Maheshwari
आतंकवाद
आतंकवाद
मनोज कर्ण
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
प्रेम से बढ़कर कुछ नहीं
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मजदूर दिवस मनाएं
मजदूर दिवस मनाएं
Krishna Manshi (Manju Lata Mersa)
बस इतनी सी चाह हमारी
बस इतनी सी चाह हमारी
राधेश्याम "रागी"
मां
मां
Durgesh Bhatt
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत  का खौफ।
न मुझे *उम्र* का डर है न मौत का खौफ।
अश्विनी (विप्र)
हादसा
हादसा
Rekha khichi
योग की महिमा
योग की महिमा
Dr. Upasana Pandey
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
अरे मेघ! मेरे दूत बन जाओ
सोनू हंस
कान्हा भक्ति गीत
कान्हा भक्ति गीत
Kanchan Khanna
जीत सकते थे
जीत सकते थे
Dr fauzia Naseem shad
जलाकर खाक कर दी,
जलाकर खाक कर दी,
श्याम सांवरा
शीर्षक. .... शिक्षक..अनमोल रतन
शीर्षक. .... शिक्षक..अनमोल रतन
Deepak Kumar Bhola
प्यार के
प्यार के
हिमांशु Kulshrestha
4893.*पूर्णिका*
4893.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अव्यक्त प्रेम (कविता)
अव्यक्त प्रेम (कविता)
Monika Yadav (Rachina)
शिकायत
शिकायत
धर्मेंद्र अरोड़ा मुसाफ़िर
" हिंसा "
Dr. Kishan tandon kranti
उन पुरानी किताबों में
उन पुरानी किताबों में
Otteri Selvakumar
जीवन और मृत्यु: एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण। ~ रविकेश झा
जीवन और मृत्यु: एक आध्यात्मिक दृष्टिकोण। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
आँखों से रिसने लगे,
आँखों से रिसने लगे,
sushil sarna
Loading...