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24 May 2024 · 1 min read

बूढ़ा बापू

60 वर्ष होते ही मेरा बापू
कितना मुस्कुराया था
उसमें भी वटवृक्ष की तरह
खडा बड़प्पन आया था
सीनियर सिटीजन का
हर जगह फायदा उठाया था
यात्राओं में तो 40 प्रतिशत
छूट का फायदा उठाया था
कुछ दिन काम ना करने पर
कितना आराम पाया था
लेकिन थोड़े ही दिनों में
एक नया बदलाव आया था
कभी दूध वाले कभी सब्जी वाले
कभी राशन की दुकान पर
उसे लाइन में खड़ा पाया था
मेरा बापू बूढ़ा हो गया था
जो कभी लिफ्ट से ना आया था
उसे आज सीढ़ियों में पस्त पाया था
कभी उसने मीठा पर मन चलाया था
शकर बढ़ जाएगी सब ने यही बताया था
पोते पोतियों को जो डांटा करता था
आज उन्हीं से कितनी डांट खाया था
मेरा बापू अब बूढ़ा हो आया था
गाड़ी में जो कभी ताव से
आगे बैठा करता था
आज उसे गुमसुम सा पीछे पाया था
आज मेरा बापू बूढ़ा हो आया था
जो कभी गुर्रा कर चलता था
सारा घर उसे डरा करता था
वह आज सहमा सहमा सा आया था
मां का साथ भी उसके भाग्य में ना आया था
अकेलेपन को उसने कैसे गले लगाया था
वृद्धा आश्रम का डर दिल मे जो समाया था
मेरा बापू आज बूढ़ा जो हो आया था
मौलिक एवं स्वरचित
मधु शाह

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