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24 May 2024 · 1 min read

उम्मीद का दिया

शहर के एक मुहल्ले में
एक युवक ने
किराया से एक कमरा लिया
और उसमे रहने लगा
शायद प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा था
वह चाहता था
खाली समय में अपने दुःख सुख बांटे मगर
किससे?
निराश हो कमरे में बंद हो जाता है
असफलताएं और सफलता की उम्मीद
एक दिन ऐसा भी आएगा
मिलेगी अच्छी नौकरी
मिलेगा वेतन
घर की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा
अनेक मित्र होंगे
घर होगा,कार होगी
लोग सम्मान करेंगे
इस प्रकार वह रोज उम्मीद केदिये जलाताथा
क ई साल बीत जाने पर उसने देखा
उम्मीद के दिये बुझ चुके हैं
उसके हाथ और पैर बंधें है
जिसे वह कमरा समझता था
वह जेल है
परंतु अभी भी एक दिया जल रहा है
कभी तो इस जेल से बाहर जाऊंगा

Language: Hindi
97 Views
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