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23 May 2024 · 1 min read

फकीर का बावरा मन

फकीर का बाँवरा मन

हृदय का स्पन्दन कहता है।
तू मेरे दिल में रहता है।
जब सारा जग सोता है।
मन मेरा तुझमें रमता है।

दिन और रात का ध्यान नहीं।
अब अपना भी भान नहीं।
रिश्तों का अभिमान नहीं।
सांसारिकता का मान नहीं।

हृदय तो बस यह कहता है।
यह सब कुछ तो तेरा है।
जीवन के जो क्षण बाकी हैं।
उनका तू ही अधिकारी है।
– डॉ० उपासना पाण्डेय

Language: Hindi
1 Like · 180 Views
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