सौन्दर्य, समय, सुख-दुख, प्रेम और....
मनोकामना पूर्ण सिद्ध हनुमान मंदिर दादाजी धाम रंगई विदिशा
यह जो मेरी हालत है एक दिन सुधर जाएंगे
হনুমানের গান (হনুমানকে নিয়ে লেখা গান)
लोग हक़ीक़त पसंद नहीं करते ।
औरत को बनाया तूने बहुत सोच-समझकर,
भीड़ और लोगों के अप्रूवल्स इतने भी मायने नहीं रखते जितना हम म
तमीज़ और तहज़ीब यूं विरासत में मिले हैं मुझे,
नफ़रत न सिखाते थे , माँ- बाप कभी यारों
बात हुई कुछ इस तरह, उनसे मेरी यार ।
जा तुझे आजाद किया, अब तेरे पीछे नहीं आऊंगा,,
हम जिस दौर में जी रहे हैं उसमें बिछड़ते वक़्त
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'