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21 May 2024 · 1 min read

अनेकता में एकता

आओ यारो फिर से,
आदर्शवादी स्वरूप की,
श्रंखला से जुड़ जाएं,
लोकाचारी निर्मित करके,
एक नई कहानी लिख जाएं।
हर वक़्त की कशिश में,
सपने हज़ार बुन के,
ख़्वाबों की दास्तां में,
एक मंज़िल बन जाएं।
आओ यारो फिर से,
आदर्शवादी स्वरूप की,
श्रृंखला से जुड़ जाएं।
मिलजुलकर सब साथ रहें,
जात पात का बंधन छोड़कर,
चलो किसी के दर्द का,
हम मरहम बन जाएं।
आओ फिर से,
आदर्शवादी स्वरूप की
शृंखला से जुड़ जाएं।
तेरा मेरा भूलकर
अहंकार को दूरकर,
बसुधैव कुटुम्बकम का,
सिद्धान्त अपना लें।
आओ यारो फिर से,
आदर्श स्वरूप की
शृंखला से जुड़ जाएं।

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