Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
20 May 2024 · 1 min read

उनको मंजिल कहाँ नसीब

उनको मंजिल कहाँ नसीब
खो जाएँ जो राहों में,
घूम लो चाहे सारी धरती
सुकून अपनों की बाहों में II

रूप, धन, यौवन – हासिल , तो क्या?
सफल तो बस रब की चाहो में !
उदित भास्कर ग्रहण निगल जाए,
ऐसा असर निर्दोष की आहों में II

धरा से खदेड़े जो मासूम पक्षी,
हुए महफ़ूज़ वृक्ष की पनाहों में,
अजनबी शहर की बेतरतीब रिवायतें
परवाह की उम्मीद कहाँ बेपरवाहों में !

कभी तो दो जुबाँ को फुर्सत
करो गुफ़तगु सिर्फ निगाहों से ,
कारवाँ गुजर भी गया शहर से-
वो आवाज़ देते रहे कराहों से!

क्षितिज के पार ,दूर दूर
मिला नहीं वो शख़्स राहों में
कंटकों का मोह गज़ब ढा गया
फूल बेसख्ता झूले उसकी बाहों में।

Language: Hindi
210 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
View all

You may also like these posts

I've learned a lot this year. I learned that things don't al
I've learned a lot this year. I learned that things don't al
पूर्वार्थ
लूट पाट कर  ले गए,  मेरा वे घर बार  ।
लूट पाट कर ले गए, मेरा वे घर बार ।
RAMESH SHARMA
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
मुझे तो किसी से वफ़ा नहीं
Shekhar Chandra Mitra
"बगुला भगत"
Dr. Kishan tandon kranti
वक्त का अभाव
वक्त का अभाव
Raj kumar
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
मुक्तामणि छंद एवं मुक्तामणि कुंडल
Subhash Singhai
काम है
काम है
सिद्धार्थ गोरखपुरी
आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन
आवाज तुम्हारे भैया की सुन-सुन
Baldev Chauhan
4769.*पूर्णिका*
4769.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
गर्दिशों में जब तारे तुमसे सवाल करें?
manjula chauhan
"Let us harness the power of unity, innovation, and compassi
Rahul Singh
जीवन को नया
जीवन को नया
भरत कुमार सोलंकी
अंतस के उद्वेग हैं ,
अंतस के उद्वेग हैं ,
sushil sarna
"" *महात्मा गाँधी* ""
सुनीलानंद महंत
** मुक्तक **
** मुक्तक **
surenderpal vaidya
ख़ुद ब ख़ुद
ख़ुद ब ख़ुद
Dr. Rajeev Jain
मेरे जीवन में सबसे
मेरे जीवन में सबसे
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
पता नहीं ये बस्ती जाने किस दुनिया से आई है।
पता नहीं ये बस्ती जाने किस दुनिया से आई है।
*प्रणय प्रभात*
किसान की संवेदना
किसान की संवेदना
Dr. Vaishali Verma
भक्ति एक रूप अनेक
भक्ति एक रूप अनेक
DR ARUN KUMAR SHASTRI
उससे उम्मीद बंध गई होगी
उससे उम्मीद बंध गई होगी
Dr fauzia Naseem shad
ज्ञान सत्य मूल्य है
ज्ञान सत्य मूल्य है
Rambali Mishra
इश्क़-ए-जज़्बात
इश्क़-ए-जज़्बात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जुनून
जुनून
ओनिका सेतिया 'अनु '
प्यारे बादल
प्यारे बादल
विजय कुमार नामदेव
*बहुमुखी प्रतिभा के धनी : साहित्यकार आनंद कुमार गौरव*
*बहुमुखी प्रतिभा के धनी : साहित्यकार आनंद कुमार गौरव*
Ravi Prakash
तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की
तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की
Er.Navaneet R Shandily
ग़ज़ल _ गुलाबों की खुशबू सा महका करेगें।
ग़ज़ल _ गुलाबों की खुशबू सा महका करेगें।
Neelofar Khan
*ऐसा युग भी आएगा*
*ऐसा युग भी आएगा*
Harminder Kaur
कभी-कभी सब खत्म होने के बाद ही एक नई शुरुआत होती है, शायद यह
कभी-कभी सब खत्म होने के बाद ही एक नई शुरुआत होती है, शायद यह
पूर्वार्थ देव
Loading...