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19 May 2024 · 1 min read

प्रकृति – विकास (कविता) 11.06 .19 kaweeshwar

प्रकृति – विकास (कविता) 11.06 .19

हमारा पर्यावरण एक प्राकृतिक सौंदर्य है – भगवान की रचना सुंदर है

कई रंग – कई आश्चर्यजनक वांछनीय आकार

एक सुंदर चित्र-अजीब जिंदगी प्रकृति प्रेमियों के लिए आनंददायक है

पहाड़ियाँ, ढलानें, घाटियाँ, पहाड़, जंगल, रेगिस्तान

हर पहलू दृश्य है – प्रकृति की सुंदरता पूजा के लायक है

प्राकृतिक संसाधनों का पलायन, वनों का ह्रास

आपदाओं का अतिक्रमण, जैव विविधता का क्रमिक ह्रास

वैश्विक तापमान में वृद्धि – ऋतुओं का असंतुलन, असमय वर्षा

बर्बरता के सभी कृत्य ऊंचे स्तर पर हैं – प्रकृति की बढ़ती मौत की घंटी

विकास के नाम पर उगे कंक्रीट के जंगल-सिकुड़ते पर्यावरण संरक्षण आवंटन उपाय

###################कविश्वर ।

क। जयन्त कुमार राजेंद्रनगर, हैदराबाद।

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