Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
19 May 2024 · 1 min read

कवि परिचय

कवियों की महफ़िल में कवि परिचय दे रहे थे
कोई राष्ट्रीय कुछ अंतर्राष्ट्रीय अपने को कह रहे थे
मेरे परिचय का क्रम आया क्या परिचय बताऊँ
हिम्मत करके बोल पड़ा मैं सुमित्र कवि कहाऊँ
सुनकर सभी अचंभित कैसे यह नाम पाया
मैंने कहा ध्यान से सुनो कारण सहित बताया
राजपुत्र को राजकुमार युवराज कहते है
शेर के बच्चे को वनराज सब कहते है
गोत्र व गुरु परंपरा से सभी नाम पाते है
हम शिष्य है उस गुरु के जो युग द्रष्टा कहाते है
बत्तीस सौ पुस्तकों के लेखक युग व्यास माने जाते है
वेद मूर्ति तपोनिष्ट युग निर्माता विश्व गुरु कहलाते है
श्री राम आचार्य से जुड़े कवि विश्व मित्र माने जाते हैं
मैं चरण सेवक उन्हीं का जो गायत्री सुत माने जाते हैं
गुरु कृपा से साहित्यिक उपनाम सुमित्र हम पाते हैं ।

राजेश कौरव सुमित्र

1 Like · 1 Comment · 175 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Rajesh Kumar Kaurav
View all

You may also like these posts

Maine
Maine "Takdeer" ko,
SPK Sachin Lodhi
सच
सच
Santosh Khanna (world record holder)
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
खुद निर्जल उपवास रख, करते जो जलदान।
डॉ.सीमा अग्रवाल
कालिदासस्य काव्यवैशिष्ट्यम्
कालिदासस्य काव्यवैशिष्ट्यम्
Chandraprabha Kumar
Keep this in your mind:
Keep this in your mind:
पूर्वार्थ
शैतान का मजहब
शैतान का मजहब
राकेश पाठक कठारा
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Neelofar Khan
स्त्री है शक्ति
स्त्री है शक्ति
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
कोशिश ये करनी है कि कर्म हमारे अच्छे हो
कोशिश ये करनी है कि कर्म हमारे अच्छे हो
Rekha khichi
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
रमेशराज के बालमन पर आधारित बालगीत
कवि रमेशराज
4641.*पूर्णिका*
4641.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सजल
सजल
seema sharma
मुझे मेरा गांव याद आता है
मुझे मेरा गांव याद आता है
आर एस आघात
ग़ज़ल
ग़ज़ल
ईश्वर दयाल गोस्वामी
झूठ की लहरों में हूं उलझा, मैं अकेला मझधार में।
झूठ की लहरों में हूं उलझा, मैं अकेला मझधार में।
श्याम सांवरा
सब कुछ
सब कुछ
MUSKAAN YADAV
तुम बिन जाएं कहां
तुम बिन जाएं कहां
Surinder blackpen
దేవత స్వరూపం గో మాత
దేవత స్వరూపం గో మాత
डॉ गुंडाल विजय कुमार 'विजय'
हे मन
हे मन
goutam shaw
मत मन को कर तू उदास
मत मन को कर तू उदास
gurudeenverma198
" मन "
Dr. Kishan tandon kranti
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
बदरा को अब दोष ना देना, बड़ी देर से बारिश छाई है।
Manisha Manjari
चेतना समय है
चेतना समय है
Harinarayan Tanha
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
मेरा नाम ही जीत हैं।😎
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
हृदय कुंज  में अवतरित, हुई पिया की याद।
हृदय कुंज में अवतरित, हुई पिया की याद।
sushil sarna
#मुक्तक-
#मुक्तक-
*प्रणय प्रभात*
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
कहांँ गए वो भाव अमर उद्घोषों की?
दीपक झा रुद्रा
"पर्व विजयादशमी का"
राकेश चौरसिया
डायरी में शायरी...
डायरी में शायरी...
आर.एस. 'प्रीतम'
लहजा
लहजा
Naushaba Suriya
Loading...