Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 May 2024 · 1 min read

जिन्दगी एक दौड

खुद को साबित करते करते यूहीं उम्र बीत जाती हैं ।
वक्त बहुत लग जाता है,
जब यह दुनिया समझ में आती है।
दोहरे चरित्रो की थाह,
कहाँ समझ में आती है,
खुद को साबित करने में
उम्र बीत जाती है ।
लोग खुद को नेक और
भगवान के बन्दे कहते हैं,
तंग दिल है इनका
और विष से भरे है सब,
इनको कहाँ कभी
इंसानियत पसंद आती है ।।
हर राह में पत्थर है
लेकिन चलना तो लाज़िमी है ,
ठोकरे खा कर ही तो
चलने की समझ आती है ।
मैं कदम चलता रहा
और जमाना चाल चलता है ।
सत्य क्या है यह बात
आखिर ‘सत्य’ को समझ आ ही जाती ह।।
खुद को साबित करने में उम्र बीत जाती है ।

70 Views

You may also like these posts

रावण का पुतला
रावण का पुतला
SURYA PRAKASH SHARMA
#अभी सवेरा दूर बहुत
#अभी सवेरा दूर बहुत
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
कहते है चेहरे में मुस्कान ,
कहते है चेहरे में मुस्कान ,
Yogendra Chaturwedi
वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं
वो आरज़ू वो इशारे कहाॅं समझते हैं
Monika Arora
*इश्क़ इबादत*
*इश्क़ इबादत*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
प्रलोभन
प्रलोभन
Rajesh Kumar Kaurav
वर्ण पिरामिड
वर्ण पिरामिड
Rambali Mishra
रातों में अंधेरा है,
रातों में अंधेरा है,
श्रीहर्ष आचार्य
अब चिंतित मन से  उबरना सीखिए।
अब चिंतित मन से उबरना सीखिए।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
जिसको तेल लगाना आए
जिसको तेल लगाना आए
Manoj Shrivastava
Success Story -3
Success Story -3
Piyush Goel
"जीवन के लिए"
Dr. Kishan tandon kranti
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मेरी वफा की राह में
मेरी वफा की राह में
Minal Aggarwal
4125.💐 *पूर्णिका* 💐
4125.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
गया अगर विष पेट में, मरे आदमी एक ।
गया अगर विष पेट में, मरे आदमी एक ।
RAMESH SHARMA
ग़ज़ल सगीर
ग़ज़ल सगीर
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
एकांत
एकांत
Akshay patel
बताओ कहां से शुरू करूं,
बताओ कहां से शुरू करूं,
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
गिलहरी
गिलहरी
Kanchan Khanna
* मुक्तक *
* मुक्तक *
surenderpal vaidya
चंद रोज की शौहरत
चंद रोज की शौहरत
साहित्य गौरव
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
मंत्र :या देवी सर्वभूतेषु सृष्टि रूपेण संस्थिता।
Harminder Kaur
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
बददुआ देना मेरा काम नहीं है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
क्या हुआ की हम हार गए ।
क्या हुआ की हम हार गए ।
Ashwini sharma
ना फूल मेरी क़ब्र पे
ना फूल मेरी क़ब्र पे
Shweta Soni
जाने के बाद .....लघु रचना
जाने के बाद .....लघु रचना
sushil sarna
हेच यश आहे
हेच यश आहे
Otteri Selvakumar
परछाई
परछाई
Dr Archana Gupta
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Leading Pigment Distributors in India | Quality Pigments for Every Industry
Bansaltrading Company
Loading...