Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 May 2024 · 1 min read

ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।

मुक्तक

ऊपर चढ़ता देख तुम्हें, मुमकिन मेरा खुश हो जाना।
तुमने खूब ऊंचाई पा ली, रब का करते शुकराना।
उस दिन खुशी मनाऊंगा, ऐ दोस्त तुम्हें बतला दूं मैं,
कुछ पहुंचे हैं चांद तलक, तुम सूरज छूके दिखलाना।

……..✍️ सत्य कुमार प्रेमी

Language: Hindi
143 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सत्य कुमार प्रेमी
View all

You may also like these posts

हे जीवन पथ के पंथी
हे जीवन पथ के पंथी
Vishnu Prasad 'panchotiya'
सूखी नहर
सूखी नहर
मनोज कर्ण
दोस्त
दोस्त
Neeraj Kumar Agarwal
"नजरों का तीर"
Dr. Kishan tandon kranti
Meet Me Nowhere
Meet Me Nowhere
Meenakshi Madhur
मन-क्रम-वचन से भिन्न तो नहीं थे
मन-क्रम-वचन से भिन्न तो नहीं थे
manorath maharaj
***** सिंदूरी - किरदार ****
***** सिंदूरी - किरदार ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
साथ तेरा मिलता
साथ तेरा मिलता
Chitra Bisht
दिल और दिमाग को लड़ाई
दिल और दिमाग को लड़ाई
विकास शुक्ल
भावना के कद्र नइखे
भावना के कद्र नइखे
आकाश महेशपुरी
"हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं"
राकेश चौरसिया
छंट जाएंगे ये बादल जब
छंट जाएंगे ये बादल जब
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
डॉ0 रामबली मिश्र के काव्य पर तीन पीएच0 डी0 हुई।
Rambali Mishra
ग़ज़ल (ये अन्दाज़ अपने निराले रहेंगे)
ग़ज़ल (ये अन्दाज़ अपने निराले रहेंगे)
डॉक्टर रागिनी
वेलेंटाइन डे स्पेशल
वेलेंटाइन डे स्पेशल
Akash RC Sharma
मैं जान लेता हूं खामोशी उसकी ।
मैं जान लेता हूं खामोशी उसकी ।
अश्विनी (विप्र)
जन्मदिन
जन्मदिन
Sanjay ' शून्य'
कभी भी आपका मूल्यांकन किताब से नही बल्कि महज एक प्रश्नपत्र स
कभी भी आपका मूल्यांकन किताब से नही बल्कि महज एक प्रश्नपत्र स
Rj Anand Prajapati
कविता : नारी
कविता : नारी
Sushila joshi
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Arvind trivedi
जिससे मिलने के बाद
जिससे मिलने के बाद
शेखर सिंह
अटल का सुशासन
अटल का सुशासन
ओम प्रकाश श्रीवास्तव
सूर्योदय
सूर्योदय
Madhu Shah
3691.💐 *पूर्णिका* 💐
3691.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
साजन की याद ( रुचिरा द्वितीय छंद)
guru saxena
*नृत्य करोगे तन्मय होकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे 【हिंदी गजल/ग
*नृत्य करोगे तन्मय होकर, तो भी प्रभु मिल जाएँगे 【हिंदी गजल/ग
Ravi Prakash
धूल जमी ना हट सकी ,ऐनक बदले रोज।
धूल जमी ना हट सकी ,ऐनक बदले रोज।
संजय निराला
इंसान ऐसा ही होता है
इंसान ऐसा ही होता है
Mamta Singh Devaa
अधिकार जताना
अधिकार जताना
Dr fauzia Naseem shad
THE SUN
THE SUN
SURYA PRAKASH SHARMA
Loading...