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15 May 2024 · 1 min read

आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी

ढुंडो- ढुंडो विकास कहां ?

क्यों चिल्लाते वो नालायको

तुम वामपंथी ,आन्दोलनजीवी हो

देश के बदनामी की साजिश रचते हो

महंगाई बढ़ी , रोजगार गया

मत पूछो कोरोना से कितने मरे ?

कब मिलेगा सबको टीका

मत कहो ढुंडो- ढुंडो विकास कहां ?

क्या जरुरत हैं इतना चिल्लाने की

भाभीजी का पापड़ खावो , गोबर से नहावो

ताली , बजावो , थाली बजावो ,दिप बुझावो

कहते रहो गो कोरोना – गो कोरोना

मत पूछो क्या यही हैं अच्छे दिन ?

क्या बन गये हम विश्वगुरु ?

शेर पाला हैं तो बर्दाश्त करना होगा

सवाल पूछकर देशद्रोह मत करो

तीन बंदर याद हैं ना ? वही करो

कुछ मत बोलो , बस देखते रहो

हो सके तो मन की बात सुनो

अच्छे दिन आये , विश्वगुरु भी बन गये

हर तरफ डंका बज रहा हैं साहब का,

दिखाई नहीं देता ? तुम्हे निकम्मो

देशहित में इतना भी नहीं कर सकते ?

आयेगा तो वही ,चाहे किडनी भी बेचनी पड़े

Language: Hindi
3 Likes · 101 Views
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