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13 May 2024 · 1 min read

बुंदेली दोहा- पलका (पलंग)

*बुंदेली दोहा बिषय – ‘#पलका'”

#राना पलका रत बिछौ,खाट देत सरकाय।
सबल और निर्बल इतै,अंतर कुछ दिखलाय।।

पलका मिलत ब्याव में,जब नक्काशी दार।
चार जनै #राना उयै,आ देखें हर बार।।

पलका सोफासेट अब,बात हुई है आम।
सबइ घरै #राना मिलत,जिनके ऊँचे दाम।।

नीम सगौना आम कै,पलका रत मजबूत।
गुंज छेवला के सड़ै,#राना जानत कूत।।

पलका महलन के सुनै,जड़ै स्वर्ण से रात।
जिन पर सोती रानियाँ,अपने भाग्य मनात।।

एक हास्य दोहा –

धना कात #राना सुनो,पलका नव अब लावँ।
वर्ना टूटी खाट है ,जीखौं दुगइ बिछावँ।।
🤑🤔*** दिनांक-11-5-2024
✍️ राजीव नामदेव “राना लिधौरी” ,टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com

2 Likes · 106 Views
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