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13 May 2024 · 1 min read

वक्त.

वक्त.
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वक्त नहीं है हर किसी को
अपने आप मिलने से ही

जब मैं होती हूँ व्यस्त
तब आप न होंगे व्यस्त.

और जब आप होतेहैं
व्यस्त तब मैं तो
नहीं हूँगी व्यस्त.

आप सोचेगा कि
‘जब वह ‘फ्री’ होती है
तब बातें करना
है उस से ‘

मैं भी सोचूंगी यही बात.
‘जब आप फ्री होते हैं
तभी मिलेंगे आप से ‘

सभी लोग सोचते हैं
यही बात
और जब हम सब को
मिलेंगे वक्त
तब जिसे हम मिलना
चाहते थे वे चले जायेंगे
व्यस्त रहित दुनिया में
हमेशा केलिए.
किसी से मिलने का
इंतज़ार न करके.

इंतज़ार मत करो
कभी किसी से मिलने का…
‘फ्री’ होने तक.
शायद कभी नहीं
मिल सकता है उसको
ज़िन्दगी भर में.

वक्त न करता है
इन्दजार किसी का.
न रुकेगा वक्त कभी
किसी केलिये.

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