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12 May 2024 · 1 min read

रहने दो…

जो हो गया वो हो गया,
चलो अब रहने दो…
फिर से तजुर्बा हो गया,
चलो अब रहने दो…

एक उम्र के बाद ख्वाहिशें,
‘खलल’ बन जाती हैं,
सुलगते जज़्बातों को,
दिल में ही दफ़न रहने दो…

एक हालात मे तुम हो,
एक मै भी निभा रहा हूँ,
‘ज़िल्लत’ न बने हम पे,
अब ऐसी तब्दीली रहने दो…

बहुत कोशिशें कर ली,
हुआ क्या आखिर हासिल
हथेली पर अब दुबारा,
न उगाओ ‘सरसों’ रहने दो…. ©विवेक’वारिद’ *

Language: Hindi
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