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11 May 2024 · 1 min read

पवन

***पवन***
कभी मंद कभी तीव्र गति से
वस बहती ही जाये पवन
आये जो भी इसकी राहो में
मीलो तक उसकी खुशबू पहुंचाये पवन
कभी मंद———————-
पशु पछी और जीव जन्तु
सबके मन को हर्षाये पवन
छोडके जात-पात और ऊंच-नीच
सबके दिल को महकाये पवन
कभी मंद———————
देश जनों में व्याप्त है ईर्ष्या
पर ना मानें कोई ईर्ष्या पवन
एक प्रेम भाव से भावुक होकर
बस बहती ही जाये पवन
कभी मंद———————-
***दिनेश कुमार गंगवार***

Language: Hindi
1 Like · 147 Views
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