Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
11 May 2024 · 1 min read

घर-घर तिरंगा

आजादी का जश्न मनाओ, सारे हिंदुस्तान में।
घर-घर में फहरा है तिरंगा, भारत माँ की शान में।।

इस माटी की सोंधी ख़ुशबू, कंकर भी अनमोल हैं।
जाति, धर्म और बोली अलग पर प्यारे मीठे बोल हैं।
खानपान परिधान अलग पर, सबका एक विचार है।
बच्चे, बूढ़े, जवां दिलों को, माँ भारत से प्यार है।
शौक जहाँ का जीना-मरना, भारत के सम्मान में।।
घर-घर में फहरा है तिरंगा, भारत माँ की शान में।।

पूरब की मधुरिम लाली से, पश्चिम की हर शाम तक।
उत्तर-दक्षिण तीन लोक में, सब धर्मों के धाम तक।
जनगण-मन और वन्देमातरम, हर ओठों का गीत हो।
विश्वगुरु का सपना पूरा, हर दिल पे हमारी जीत हो।
राष्ट्रभक्ति की अलख जगी है, हर दिल हर इंसान में।।
घर-घर में फहरा है तिरंगा, भारत माँ की शान में।।

अम्बर भर के प्यार दिलों में खुशियों का अंबार है।
स्वर्ग यहां माँ के चरणों में हर दिन एक त्यौहार है।
दुश्मन की हर पीढ़ी सुन ले, भारत एक परिवार है।
हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई, हम सब भाई चार है।
आपस में न लड़े-भिड़ें हम, संग आँधी में तूफान में।।
घर-घर में फहरा है तिरंगा, भारत माँ की शान में।।

संतोष बरमैया #जय

2 Likes · 185 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from संतोष बरमैया जय
View all

You may also like these posts

*मेरी रचना*
*मेरी रचना*
Santosh kumar Miri
True love
True love
Bhawana ranga
ग़ज़ल सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाज़ार
ग़ज़ल सगीर अहमद सिद्दीकी खैरा बाज़ार
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
इस नये दौर में
इस नये दौर में
Surinder blackpen
बेवफ़ा जब हुए आँखों में बसाने वाले
बेवफ़ा जब हुए आँखों में बसाने वाले
आकाश महेशपुरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
मां
मां
ARVIND KUMAR GIRI
वादा
वादा
goutam shaw
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बिड़द थांरो बीसहथी, खरो सुणीजै ख्यात।
बिड़द थांरो बीसहथी, खरो सुणीजै ख्यात।
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
दोहा पंचक. . . . . प्रीति
दोहा पंचक. . . . . प्रीति
sushil sarna
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
Do your best and then let go. Everyone has limitations , and
Do your best and then let go. Everyone has limitations , and
पूर्वार्थ
😊Good Night😊
😊Good Night😊
*प्रणय प्रभात*
**आ गई फिर माँ की बरसी**
**आ गई फिर माँ की बरसी**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
उड़ गया दिल वहां से
उड़ गया दिल वहां से
Shinde Poonam
वो बहाव था एक दौर का
वो बहाव था एक दौर का
Shweta Soni
जश्न आजादी का ....!!!
जश्न आजादी का ....!!!
Kanchan Khanna
रेत के टीले न भरोसा न राह हैं
रेत के टीले न भरोसा न राह हैं
Neeraj Kumar Agarwal
गुनगुनाए तुम
गुनगुनाए तुम
Deepesh Dwivedi
महाराणा संग्राम सिंह (राणा सागा)
महाराणा संग्राम सिंह (राणा सागा)
ललकार भारद्वाज
दादी की वह बोरसी
दादी की वह बोरसी
Dr. Ramesh Kumar Nirmesh
कर्मा
कर्मा
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
गलत को गलत क्या बता दिया
गलत को गलत क्या बता दिया
Suman (Aditi Angel 🧚🏻)
आखिर कैसे
आखिर कैसे
NAVNEET SINGH
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
नाजुक देह में ज्वाला पनपे
दीपक बवेजा सरल
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
"बिन गुरु के"
Dr. Kishan tandon kranti
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
वो जाने क्या कलाई पर कभी बांधा नहीं है।
सत्य कुमार प्रेमी
"रामनवमी 2025 पर विशेष"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
Loading...