Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

*किताब*

कड़ी-कड़ी जुड़कर ही बनती है जंजीर सभी,
अक्षर-अक्षर जुड़कर ही बनती है तकदीर सभी,
मूल्य बड़ा ही होता है,
जीवन के संचालन में,
पन्नों में ही गीत छुपा है,
उज्जवल भविष्य के परिचालन में,
विजय शिखर पर पहुंचने का,
मूल स्रोत आधार यही,
अक्षर अच्छा जुड़कर ही बनती है तकदीर सभी।
परिधान बदल गया इसका,
व्यवहार कभी ना बदला,
पाषाण पर अंकित होने पर भी,
गुणखान कभी ना बदला,
पत्र पर उभरे सुंदरता से,
व्याख्यान कभी ना बदला,
ताम पत्र हो या सुंदर पन्ने ज्ञान का करते विस्तार सभी,
अक्षर अक्षर जुड़कर ही बनती है तकदीर सभी।
आधुनिकता की होड़ चली है,
पुस्तकों में भी क्रांति बड़ी है,
अनगिनत किताबों को यूं ही,
जेबों में रखा जाता है,
पुस्तकालय की अलमारी को,
दूर से देखा जाता है।
बहुत बदल जाता है मानव,
जब मूल को भूल जाता है।
ऐसे बदलाव में भी ज्ञान धरोहर को बनाए रखना,
जैसे बूढ़े मां-बाप का साथ संजोए रखना।
किताब संजोए रखना।
किताब संजोए रखना।।

192 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

सुरक से ना मिले आराम
सुरक से ना मिले आराम
AJAY AMITABH SUMAN
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
*भारत का वंदन करें आज, हम गीत तिरंगे का गाऍं (राधेश्यामी छंद
Ravi Prakash
गद्दार पल रहे
गद्दार पल रहे
ललकार भारद्वाज
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
हम–तुम एक नदी के दो तट हो गए– गीत
Abhishek Soni
कब लेते संसार में,
कब लेते संसार में,
sushil sarna
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
“Do not be afraid of your difficulties. Do not wish you coul
पूर्वार्थ
जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
जाने क्यों भागती है दुनिया खूबसूरती के पीछे।
Annu Gurjar
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
बाट तुम्हारी जोहती, कबसे मैं बेचैन।
डॉ.सीमा अग्रवाल
मोहब्बत में हमको न इतना सताना
मोहब्बत में हमको न इतना सताना
Jyoti Roshni
आरज़ू है
आरज़ू है
Dr fauzia Naseem shad
प्रणय गीत
प्रणय गीत
Neelam Sharma
जन-मन की भाषा हिन्दी
जन-मन की भाषा हिन्दी
Seema Garg
लगाव
लगाव
Arvina
😃सुप्रभात😃
😃सुप्रभात😃
*प्रणय प्रभात*
कमांड चाहिए तो कमांडो बनो
कमांड चाहिए तो कमांडो बनो
नेताम आर सी
धर्म
धर्म
Mamta Rani
"सड़क"
Dr. Kishan tandon kranti
सुधीर श्रीवास्तव को विधा वाचस्पति मानद उपाधि
सुधीर श्रीवास्तव को विधा वाचस्पति मानद उपाधि
Sudhir srivastava
-पिता है फरिश्ता
-पिता है फरिश्ता
Seema gupta,Alwar
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
भावना लोगों की कई छोटी बातों में बिगड़ जाती है,
Ajit Kumar "Karn"
Who am I?
Who am I?
R. H. SRIDEVI
Let us converse with ourselves a new this day,
Let us converse with ourselves a new this day,
Ami
Family.
Family.
Priya princess panwar
विश्व परिवार दिवस - चौपाई छंद
विश्व परिवार दिवस - चौपाई छंद
Ram kishor Pathak
कर्महीनता
कर्महीनता
Dr.Pratibha Prakash
जो कमाता है वो अपने लिए नए वस्त्र नहीं ख़रीद पाता है
जो कमाता है वो अपने लिए नए वस्त्र नहीं ख़रीद पाता है
सोनम पुनीत दुबे "सौम्या"
बूढ़े लोग।
बूढ़े लोग।
Kumar Kalhans
साँसें
साँसें
अनिल मिश्र
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
जिन्दगी में वो लम्हा बेहतरीन होता है, जब तुम किसी से कुछ कहन
पूर्वार्थ देव
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
जी करता है , बाबा बन जाऊं – व्यंग्य
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
Loading...