Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

अधूरा प्रयास

अधूरा प्रयास
चलता रहेगा कारवां रोको नहीं कदम…
उम्मीद होगी ज्यादा ना ख्वाहिशें होगी कम… कितनी मुसीबतें, तुम्हारी राह में आए…
फिर भी कभी ना तुम्हारी चाह में आए…
लड़कर ही बनेगी जिंदगी, सत्यम ,शिवम, सुंदरम… उम्मीद होगी…
तन्हा नहीं हो तुम सच साथ में रहेगा…
मंजिल तुम्हें मिलेगी, सब हाथ में रहेगा
झुकना नहीं तुमको , हो कितनी रंजो गम …
उम्मीद होगी …
दुश्वारियां हो जितनी भी जिंदादिली रहे
जुल्मों सितम हो जब भी ना हम कभी सहे…
करना ना कभी आंखों को आंसुओं में नम…
उम्मीद होगी ज्यादा ना ख्वाहिशें होंगी कम…
स्वरचित कविता
सुरेखा राठी

1 Like · 199 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

प्यारी गौरैया।
प्यारी गौरैया।
shashisingh7232
शनिवार
शनिवार
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
बेअसर
बेअसर
SHAMA PARVEEN
वक़्त की फ़ितरत को महफूज़ करें कैसे,
वक़्त की फ़ितरत को महफूज़ करें कैसे,
Dr fauzia Naseem shad
कृपा तुम्हारी भगवन
कृपा तुम्हारी भगवन
Mukesh Kumar Rishi Verma
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
गुनगुनाने यहां लगा, फिर से एक फकीर।
Suryakant Dwivedi
महबूबा से
महबूबा से
Shekhar Chandra Mitra
बगावत
बगावत
ओनिका सेतिया 'अनु '
तुम
तुम
Rekha khichi
बच्चे ही अच्छे हैं
बच्चे ही अच्छे हैं
Diwakar Mahto
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
ऐ सूरज तू अपनी ताप को अब कम कर दे
Keshav kishor Kumar
गुलाम
गुलाम
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
हिम्मत कभी न हारिए
हिम्मत कभी न हारिए
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
विचार और विचारधारा
विचार और विचारधारा
Shivkumar Bilagrami
😢त्रासदी के साल😢
😢त्रासदी के साल😢
*प्रणय प्रभात*
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
दर्शक की दृष्टि जिस पर गड़ जाती है या हम यूं कहे कि भारी ताद
Rj Anand Prajapati
मरना क्यों?
मरना क्यों?
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
2987.*पूर्णिका*
2987.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
श्री राम के आदर्श
श्री राम के आदर्श
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
मत पूछो मुझसे सवाल
मत पूछो मुझसे सवाल
Acharya Shilak Ram
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
कभी-कभी नींद बेवजह ही गायब होती है और हम वजह तलाश रहे होते ह
पूर्वार्थ
तुम से ना हो पायेगा
तुम से ना हो पायेगा
Gaurav Sharma
मित्र भेस में आजकल,
मित्र भेस में आजकल,
sushil sarna
बेटी
बेटी
अनुराग दीक्षित
हमारा सुकून:अपना गाँव
हमारा सुकून:अपना गाँव
Sunny kumar kabira
सुनीता विलियम्स जी के धरती आगमन पर
सुनीता विलियम्स जी के धरती आगमन पर
Raj kumar
विशेषज्ञ अधिकारी
विशेषज्ञ अधिकारी
Khajan Singh Nain
बहकते हैं
बहकते हैं
हिमांशु Kulshrestha
"धर्म और विज्ञान"
Dr. Kishan tandon kranti
यादों की तस्वीर
यादों की तस्वीर
Dipak Kumar "Girja"
Loading...