Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 May 2024 · 1 min read

कम्बख्त सावन

अभी-अभी तो
तुमसे नजदीकियाँ
परवान चढ़ ही रही थी
अभी-अभी तो
किसी की चाहत के अंकुर
दिल में फूट ही रहे थे
अभी-अभी तो
समंदर की लहरें
किनारों से दोस्ती कर ही रही थी मगर
ये कम्बख्त सावन कहाँ से आ गया
तुझे दर्पण में उतार ले गया
अभी-अभी तो
सतरंगी घूंघट हटाकर
चाँद का दीदार कर ही रहा था
अभी-अभी तो
गुलाब की पंखुरियाँ
खिलना सीख ही रही थी
अभी-अभी तो
इक अजनबी का हाथ थामकर
मंज़िल तलाश रहा था मगर
ये कम्बख्त सावन कहाँ से आ गया
तुझे अपनी बाहों में उड़ा ले गया

Language: Hindi
2 Likes · 136 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

पदयात्रा
पदयात्रा
लक्की सिंह चौहान
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
टूटकर, बिखर कर फ़िर सवरना...
Jyoti Khari
Dard-e-Madhushala
Dard-e-Madhushala
Tushar Jagawat
नन्ही भिखारन!
नन्ही भिखारन!
कविता झा ‘गीत’
गौरैया प्यारी
गौरैया प्यारी
Dr.Pratibha Prakash
गीत
गीत
Jai Prakash Srivastav
प्रेम
प्रेम
Shweta Soni
बरसो रे बरसो, बरसो बादल
बरसो रे बरसो, बरसो बादल
gurudeenverma198
अधूरा पृष्ठ .....
अधूरा पृष्ठ .....
sushil sarna
गर छोटा हो तुम छोटा
गर छोटा हो तुम छोटा
AJAY AMITABH SUMAN
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
जरूरत दोस्त की,समय पर होती है ।
Rajesh vyas
तेरे चेहरे का नूर सांवरे,
तेरे चेहरे का नूर सांवरे,
श्याम सांवरा
बरसात
बरसात
Swami Ganganiya
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
तेरा-मेरा साथ, जीवनभर का ...
Sunil Suman
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
टूटे हुए पथिक को नई आश दे रहीं हो
Er.Navaneet R Shandily
इश्क़-ए-जज़्बात
इश्क़-ए-जज़्बात
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
शिक्षामित्रों पर उपकार...
शिक्षामित्रों पर उपकार...
आकाश महेशपुरी
अम्बेडकर से घृणा क्यों
अम्बेडकर से घृणा क्यों
Mangu singh
ये ज़िंदगी.....
ये ज़िंदगी.....
Mamta Rajput
प्रभु से मिलन कैसे हो साक्षात्कार।
प्रभु से मिलन कैसे हो साक्षात्कार।
Acharya Shilak Ram
बदलती स्याही
बदलती स्याही
Seema gupta,Alwar
10. *असम्भव नहीं कुछ*
10. *असम्भव नहीं कुछ*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
4539.*पूर्णिका*
4539.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन  बंजारा  लौट  चला  है, देखी  दुनियादारी।
मन बंजारा लौट चला है, देखी दुनियादारी।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज ARVIND BHARDWAJ
" रीत "
Dr. Kishan tandon kranti
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
मैं कहां हूं तुम कहां हो सब कहां हैं।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
ज़हर
ज़हर
Kumar Kalhans
शान्ति चाहिए तो
शान्ति चाहिए तो
ललकार भारद्वाज
पुलिस
पुलिस
विशाल शुक्ल
Loading...