Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

3411⚘ *पूर्णिका* ⚘

3411⚘ पूर्णिका
🌹 प्यास बुझाने की बात है 🌹
22 22 2212
प्यास बुझाने की बात है ।
साथ निभाने की बात है ।।
मिलती झोलीभर की खुशी ।
चाह बनाने की बात है ।।
करते हरदम कोशिश यहाँ ।
शान बढ़ाने की बात है ।।
सुंदर देखो दुनिया जहाँ ।
चमन सजाने की बात है ।।
दामन खेदू थामे हुए ।
प्यार लुटाने की बात है ।।
……..✍ डॉ .खेदू भारती “सत्येश “
07-05-2024मंगलवार

148 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
मशीनों ने इंसान को जन्म दिया है
Bindesh kumar jha
सीख गांव की
सीख गांव की
Mangilal 713
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
चिल्लाने के लिए ताकत की जरूरत नहीं पड़ती,
शेखर सिंह
बेटियां बोझ कहाँ होती
बेटियां बोझ कहाँ होती
Sudhir srivastava
गुज़ारिश है तुमसे
गुज़ारिश है तुमसे
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
बुन्देली दोहा - ओट
बुन्देली दोहा - ओट
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
शिक्षक दिवस पर दोहे
शिक्षक दिवस पर दोहे
Subhash Singhai
" किताब "
Dr. Kishan tandon kranti
शुष्क दिवस
शुष्क दिवस
Santosh kumar Miri
निर्गुण सगुण भेद
निर्गुण सगुण भेद
मनोज कर्ण
अनाथों की आवश्यकताएं
अनाथों की आवश्यकताएं
मिथलेश सिंह"मिलिंद"
समय किसी भी तख़्त का,हुआ नहीं मुहताज
समय किसी भी तख़्त का,हुआ नहीं मुहताज
RAMESH SHARMA
International Yoga Day
International Yoga Day
Tushar Jagawat
पाँच दोहे
पाँच दोहे
अरविन्द व्यास
सुनहरे पल और वो मीठी यादें
सुनहरे पल और वो मीठी यादें
डॉ सुरेश जांगिड़
पंखुड़ी गुलाब की
पंखुड़ी गुलाब की
Girija Arora
सुधार का सवाल है
सुधार का सवाल है
Ashwani Kumar Jaiswal
~प्यासा प्रेम ~
~प्यासा प्रेम ~
Vijay kumar Pandey
माँ
माँ
Dinesh Kumar Gangwar
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
झूठे लोग सबसे अच्छा होने का नाटक ज्यादा करते हैंl
Ranjeet kumar patre
जीवन
जीवन
Santosh Shrivastava
कुछ लोग
कुछ लोग
Dr.Pratibha Prakash
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
अंग प्रदर्शन करने वाले जितने भी कलाकार है उनके चरित्र का अस्
Rj Anand Prajapati
सबसे आसान है बहाने बनाकर खुद को समझाना। अपनी गलतियों पर खुद
सबसे आसान है बहाने बनाकर खुद को समझाना। अपनी गलतियों पर खुद
पूर्वार्थ
अजीब है ऐ  ख़ुदा तू, और तेरी ये  ख़ुदाई भी,
अजीब है ऐ ख़ुदा तू, और तेरी ये ख़ुदाई भी,
AJAY AMITABH SUMAN
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
*शादी में है भीड़ को, प्रीतिभोज से काम (हास्य कुंडलिया)*
Ravi Prakash
#तेवरी / #ग़ज़ल
#तेवरी / #ग़ज़ल
*प्रणय प्रभात*
"If you continuously encounter
Nikita Gupta
आप खुद से भी
आप खुद से भी
Dr fauzia Naseem shad
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
Loading...