Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 May 2024 · 1 min read

भिगो रहा जमकर सावन

भिगो रहा जमकर सावन
भीग रहा मन का आंगन
मदमस्त फुहारें सावन की
रितु ना आवन जावन की
गीत पिया के प्रेम भरे
मन मोह रहे श्रंगार हरे
चहूंओर भरी हरियाली है
हर ओर घटाएं काली हैं
साजन रितु मतवाली है
प्रीत जगाने वाली है
बरस रहा है प्रेमामृत
भिगो रहा मेरा दामन
बरस रहा जमकर सावन
तरवतर किया है घर आंगन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी

Language: Hindi
2 Likes · 99 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from सुरेश कुमार चतुर्वेदी
View all

You may also like these posts

छोड़ आया हूँ मैं अपना घर, अपनी गलियां, वो अपना शहर,
छोड़ आया हूँ मैं अपना घर, अपनी गलियां, वो अपना शहर,
Ravi Betulwala
वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा
वक्त नहीं बचा था व्यक्त करने व्यथा
Arun Prasad
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
शब्द भावों को सहेजें शारदे माँ ज्ञान दो।
Neelam Sharma
बेवफ़ाई तो उसके रग-रग में सामिल है,
बेवफ़ाई तो उसके रग-रग में सामिल है,
लक्ष्मी सिंह
सुरमई शाम का उजाला है
सुरमई शाम का उजाला है
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रहब यदि  संग मे हमर , सफल हम शीघ्र भ जायब !
रहब यदि संग मे हमर , सफल हम शीघ्र भ जायब !
DrLakshman Jha Parimal
दोहा त्रयी. . . . . प्रेम
दोहा त्रयी. . . . . प्रेम
sushil sarna
*गरीबों की ही शादी सिर्फ, सामूहिक कराते हैं (हिंदी गजल)*
*गरीबों की ही शादी सिर्फ, सामूहिक कराते हैं (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
जब मेरी नज़र से देखोगे तब मेरी दहर को समझोगे।
Kumar Kalhans
वार्ता
वार्ता
meenu yadav
7. In Memoriam ( An Elegy )
7. In Memoriam ( An Elegy )
Ahtesham Ahmad
नारी तुम सर्वस्व हो
नारी तुम सर्वस्व हो
Ankita Patel
ख़्वाब में हमसे मिल कभी आके ,
ख़्वाब में हमसे मिल कभी आके ,
Dr fauzia Naseem shad
महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक
महालक्ष्मी छंद आधृत मुक्तक
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
हैं जो कुछ स्मृतियां वो आपके दिल संग का
दीपक झा रुद्रा
विषय-समस्या!
विषय-समस्या!
Priya princess panwar
गायब हुआ तिरंगा
गायब हुआ तिरंगा
आर एस आघात
जिनकी फरमाइशें पूरी करने में,
जिनकी फरमाइशें पूरी करने में,
श्याम सांवरा
रोक दो जुल्म अब मन्दिर मस्जिद के नाम पर... ..
रोक दो जुल्म अब मन्दिर मस्जिद के नाम पर... ..
shabina. Naaz
sp32 दिल के घाव
sp32 दिल के घाव
Manoj Shrivastava
57
57
*प्रणय प्रभात*
नदियों की लहरें...
नदियों की लहरें...
भगवती पारीक 'मनु'
???????
???????
शेखर सिंह
राहें  आसान  नहीं  है।
राहें आसान नहीं है।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
मात नमामि जग कल्याणी,मुझ पर कृपा कर देना
मात नमामि जग कल्याणी,मुझ पर कृपा कर देना
कृष्णकांत गुर्जर
प्यार
प्यार
Kanchan Khanna
गाय पर कविता
गाय पर कविता
Vijay kumar Pandey
कोहरा
कोहरा
Suneel Pushkarna
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
*शिक्षक जुगनू बन जाते हैँ*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
4788.*पूर्णिका*
4788.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
Loading...